ईरान में फंसे 10 हजार भारतीय, मिडिल ईस्ट में एयरपोर्ट बंद, कोई फ्लाइट नहीं, कैसे आएंगे वापस?


प्रतीकात्मक तस्वीर
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प्रतीकात्मक तस्वीर

ईरान और इजरायल में 5वें दिन भी जंग जारी है। दोनों देशों की तरफ से भीषण प्रहार किया जा रहा है। सोमवार को इजरायल ने सेंट्रल ईरान में किया जबरदस्त हमला किया। IDF ने वीडियो जारी करके दावा किया है कि उनसे तेहरान एयरपोर्ट पर दो F14 फाइटर प्लेन गिराए हैं। वहीं ड्रोन्स लॉन्चर साइट पर भी एयर स्ट्राइक की है। साथ ही तेहरान में मिसाइल ले जा रहे ट्रक पर हमला किया है। वहीं ईरान की तरफ से भी पलटवार किया गया है। ईरान ने हाइफा और तेल अवीव में जबरदस्त हमला किया है। मिसाइल्स और ड्रोन के जरिए इजरायल के कई शहरों को टारगेट किया है।

ईरान के हमले में अब तक इजरायल में 24 लोगों की मौत हो चुका है वहीं, 500 लोग घायल है। इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या से ही ईरान-इजराइल युद्ध खत्म हो सकता है। 

इजरायल और ईरान ने बंद किया हवाई क्षेत्र

वहीं, दोनों देशों के बीच हवाई हमले शुरू होने के बाद मिडिल ईस्ट में उड़ान भरने वाली एयरलाइनों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई है। दोनों देशों के बीच छिड़ी जंग को लेकर मिडिल ईस्ट के कई देशों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं। इजरायल ने अगले आदेश तक अपने ऊपर से उड़ानें रोक दी हैं। ईरान ने पहले ही तेहरान में अपने मुख्य हवाई अड्डे पर परिचालन बंद करने का आदेश दे दिया है। इस तरह मिडिल ईस्ट के ऊपर से एयरलाइंस का परिचालन ठप्प हो गया है। 

अफगान बिजनेसमैन ने सुनाई आपबीती

55 वर्षीय अफगान व्यवसायी ऐमल हुसैन ईरानी प्रांत क़ोम में जिस होटल में वह ठहरे थे, उसके नजदीक इजरायली हमले होने के बाद, वह घर वापस लौटना चाहते हैं। लेकिन उन्हें कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा क्योंकि ईरानी हवाई क्षेत्र पूरी तरह से बंद है। रविवार को हमले के बाद वह तेहरान भाग गए, लेकिन ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष के तेज होने के कारण कोई टैक्सी उन्हें बॉर्डर तक नहीं ले गई। हुसैन ने सोमवार को बताया, “फ्लाइट, बाजार सब कुछ बंद है, और मैं एक छोटे से होटल के बेसमेंट में रह रहा हूं। मैं टैक्सी से सीमा तक पहुंचने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन टैक्सी मिलना मुश्किल है, और कोई भी हमें नहीं ले जा रहा है।” 

ईरान में कितने भारतीय फंसे?

ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं ऐसे में भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। भारत ने ईरान में फंसे भारतीयों को निकालने का अभियान तेज कर दिया है। पहला बैच में 100 भारतीय नागरिकों को सोमवार रात ईरान से सड़क के रास्ते से आर्मेनिया भेजा है। यह कदम नई दिल्ली और तेहरान के बीच कूटनीतिक बातचीत के बाद संभव हो सका है। ईरान में 10,000 से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं। ईरान सरकार ने युद्ध के मद्देनजर अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है, जिससे एयर रूट से बाहर निकलना संभव नहीं है।

ईरानी अधिकारियों ने क्या कहा?

इस बीच ईरानी अधिकारियों ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकलने में मदद करेंगे। तेहरान स्थित भारतीय दूतावास लगातार पूरे हालात पर नजर रखे हुए है और स्थानीय प्रशासन और छात्र संगठनों से संपर्क में है। दूतावास ने 15 जून को एक एडवाइजरी जारी कर सभी भारतीयों नागरिकों से कहा है कि अनावश्यक यात्रा न करें। दूतावास से संपर्क में रहें। सिर्फ अधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल और वेबसाइट्स से ही अपडेट लें। ईरान सरकार की सहमति के बाद अब भारतीयों को ईरान के पड़ोसी देशों के जरिए निकाला जा रहा है जिनमें आर्मेनिया, अज़रबैजान, तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान प्रमुख हैं। इन सीमाओं पर स्पेशल चेकपॉइंट्स बनाए गए हैं ताकि भारतीयों की निकासी को सुरक्षित और सुव्यवस्थित ढंग से अंजाम दिया जा सके।

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