
ईरान और इजरायल की जंग, अमेरिका का क्या है प्लान
वाशिंगटन/तेहरान: ईरान और इजरायल के बीच चल रहा युद्ध का आज पांचवां दिन है। दोनों देशों के बीच युद्ध बढ़ता जा रहा है और दोनों देश एक दूसरे पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं। इजरायल के हवाई हमलों में ईरान में कम से कम 224 लोग मारे गए हैं, जिनमें तेहरान के कुछ शीर्ष सैन्य कमांडर, परमाणु वैज्ञानिक और नागरिक शामिल हैं। वहीं, इजरायली अधिकारियों ने कहा है कि उनके क्षेत्र में ईरानी हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 24 लोग मारे गए हैं। इजरायल की सेना ने मंगलवार को सुबह ही चेतावनी दी थी कि उसने ईरान से लॉन्च की गई नई मिसाइलों का पता लगा लिया है।
ट्रंप का बड़ा बयान-ईरान से बातचीत का अब मूड नहीं
अमेरिका ने इजरायल के हेल्प के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है, अमेरिका ने अपना विमान वाहक यु्द्धपोत USA निमित्ज को मिडिल ईस्ट भेज दिया है। इस युद्धपोत की खासियत ये है कि ये परमाणु ऊर्जा से चलता है। मि़डिल ईस्ट में निमित्ज़ की मौजदूगी अमेरिका और इजरायल को और ताकतवर बना देगा। इतना ही नहीं, अमेरिका ने इजरायल की मदद के लिए पांच और एयरफ्यूलिंग टैंकर भेजे हैं, जो आसमान में फाइटर जेट्स में एयरफ्यूलिंग करेगा। साथ ही ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को “वास्तविक अंत” तक पहुंचाने की इच्छा जताते हुए कहा कि वह “ईरान के साथ बातचीत करने के मूड में नहीं हैं”।
ईरान पर दबाव बनाने की कोशिश
शुक्रवार को इजरायल के बड़े पैमाने पर ईरान पर किए गए हमलों के बाद मिडिल ईस्ट में स्थिति अब बिगड़ती जा रही है। इजरायल के हमलों का मुख्य उद्देश्य ईरान के परमाणु और सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना था। इजरायल के इस तरह से किए गए हमले के बाद ईरान की तरफ से जवाबी कार्रवाई शुरू हो गई। अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उसपर समझौता करने का दबाव बना रहा है और इसे लेकर तेहरान और वाशिंगटन के बीच बातचीत के दौरान इजरायल और ईरान के बीच भीषण गोलीबारी हुई।
तेहरान में हड़कंप
ट्रंप की आखिरी कोशिश है कि ईरान को परमाणु समझौते के लिए तैयार किया जाए। इसके लिए अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस और ईरानी विदेश मंत्री के बीच जल्द ही मुलाकात हो सकती है। वहीं अमेरिका के और ज्यादा युद्धपोत भी खाड़ी की ओर बढ़ रहे हैं। माना जा रहा है कि यह ईरान पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। बता दें कि इजरायल कई दिनों से ईरान के परमाणु ठिकानों पर बम और मिसाइलें गिरा रहा है लेकिन इससे कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा है।
अमेरिका कर रहा है इजरायल की मदद
इस युद्ध में अब सबसे बड़ी बात ये है कि अमेरिका इजरायल की अब खुलकर मदद कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सोमवार को ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन से जल्दी चले गए क्योंकि उन्होंने इजरायल-ईरान युद्ध में अमेरिका की भागीदारी का संकेत दिया था और ईरान को परमाणु संधि पर हस्ताक्षर करने की मांग की थी लेकि ईरान मुकर गया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान को धमकी दी और सभी देशों को तेहरान को खाली करने की अपील भी कर डाली। G7 समिट के बीच में कनाडा से उड़ान भरने से पहले, उन्होंने सोशल मीडिया पर इजरायल का समर्थन किया और लगभग 10 मिलियन लोगों वाली ईरानी राजधानी तेहरान को लेकर अलर्ट जारी किया।
ट्रंप का बदलता बयान, सब हैं हैरान
कनाडा से लौट रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में बदलाव किया और कहा, ‘ईरान परमाणु हथियार रखने के बहुत करीब है। इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहिए था और निवासियों से ईरानी राजधानी को खाली करने का आग्रह किया। “सीधे शब्दों में कहें तो, ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता। मैंने इसे बार-बार कहा है! सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए!”
जंग जारी
ट्रंप के बयान से तेहरान में मचा हड़कंप
उधर डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद ईरान की राजधानी तेहरान में हड़कंप मच गया है। तेहरान में रह रहे लोगों में ज़बरदस्त घबराहट देखने को मिल रही है। बड़ी संख्या में लोग तेहरान छोड़ रहे हैं। तेहरान की सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतार नज़र आ रही हैं। तेहरान में ये पैनिक क्यों है? इसकी वजह डोनाल्ड ट्रंप है, ईरानियों को लग रहा है कि अमेरिका कभी भी तेहरान पर अटैक कर सकता है। आज ट्रंप जी-समिट बीच में छोड़कर लौट रहे हैं, तो ट्रंप राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से आज रात सिचुएशन रूम में तैयार रहने को कहा है। ट्रंप की तेहरान खाली करने की चेतावनी ये बताती है कि वो बहुत बड़ा फैसला लेने वाले हैं।
ईरान का फोर्डो परमाणु केंद्र पर इजरायल की नजर
इजरायल का कहना है कि ईरान परमाणु बम बनाने से मात्र एक कदम दूर है। इजरायल के सामने सबसे बड़ी मुश्किल ईरान का फोर्डो परमाणु सुविधा केंद्र है जिसे तबाह करने के लिए बंकर बस्टर की जरूरत है। यह केंद्र ईरान ने पहाड़ के कई फुट नीचे बनाया है ताकि किसी हमले से उसे बचाया जा सके। इसको नष्ट करने की क्षमता केवल अमेरिका के पास है जो अपने परमाणु बॉम्बर की मदद से बंकर बस्टर बम गिरा सकता है। ईरान इसी का फायदा उठाते हुए चाहता है कि इस लड़ाई से अमेरिका दूर रहे। ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग के बीच चीन ने कहा है कि अमेरिका जल रही आग में घी डालने का काम कर रहा है।
नेतन्याहू का बड़ा बयान
ईरान पर जारी अटैक के बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का बड़ा बयान सामने आया है। नेतन्याहू ने कहा है कि ये जंग ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई की हत्या से ही खत्म होगी। नेतन्याहू ने कहा- हम वही कर रहे हैं जो हमें करना है। नेतन्याहू ने दावा किया कि खामेनेई को निशाना बनाना संघर्ष को बढ़ाएगा नहीं, बल्कि इसे खत्म करेगा। तो वहीं, ईरान का कहना है कि इजरायल और ईरान की इस लड़ाई में अमेरिका सीधे शामिल नहीं होगा।