सन ग्रुप के मालिक मारन परिवार में मतभेद खुलकर सामने आ गई है। डीएमके विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन ने अपने बड़े भाई कलानिधि मारन को कानूनी नोटिस भेजा है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, दयानिधि ने कलानिधि पर 2003 में विवादित शेयर अलॉटमेंट के जरिये धोखाधड़ी से कंपनी का नियंत्रण हथियाने का आरोप लगाया है। कलानिधि मारन 24,000 करोड़ रुपये के सन टीवी नेटवर्क के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हैं।
खबर के मुताबिक, दयानिधि मारन ने कंपनी की शेयरधारिता संरचना को सितंबर 2003 से पहले की स्थिति में बहाल करने की मांग की है, जब मारन परिवार और दिवंगत एम करुणानिधि के पास कंपनी में बराबर शेयर थे। आपको बता दें, एम. करुणानिधि, का 2011 में निधन हो गया था, डीएमके के प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे।
मामला कोर्ट में गया तो क्या होगा?
खबर के मुताबिक, दयानिधि मारन ने कंपनी की शेयरधारिता संरचना को सितंबर 2003 से पहले की स्थिति में बहाल करने की मांग की है, जब मारन परिवार और दिवंगत एम करुणानिधि के पास कंपनी में बराबर शेयर थे। आपको बता दें, एम. करुणानिधि, का 2011 में निधन हो गया था, डीएमके के प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे। कहा जा रहा है कि अगर यह विवाद अदालत में जाता है, तो यह कलानिधि और उनके भाई और करुणानिधि परिवार के बीच खड़ा हो जाएगा, जिससे मीडिया दिग्गज पर नियंत्रण दांव पर लग जाएगा।
नोटिस में क्या आरोप लगाए हैं?
अपने वकील के. सुरेश के जरिये भेजे गए नोटिस में दयानिधि ने आरोप लगाया है कि उनके भाई ने 15 सितंबर, 2003 को उचित मूल्यांकन, शेयरधारक अनुमोदन या बोर्ड के प्रस्तावों के बिना खुद को 1.2 मिलियन इक्विटी शेयर अलॉट किए। अंकित मूल्य पर, शेयरों की कीमत 10 रुपये प्रति शेयर थी, लेकिन छोटे मारन का दावा है कि उस समय उनकी कीमत लगभग 3,500 करोड़ रुपये थी, क्योंकि सन टीवी एक नकदी-समृद्ध और लाभदायक इकाई थी।
दयानिधि का तर्क है कि अन्य प्रमुख हितधारक, एमके दयालु, करुणानिधि की पत्नी, जो परिवार का प्रतिनिधित्व कर रही थीं, को सूचित या परामर्श किए बिना कलानिधि ने इस मौके का उपयोग कंपनी में 60% कंट्रोल हासिल करने के लिए किया।