ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले में अमेरिका ने किन हथियारों का किया इस्तेमाल? सामने आई ये जानकारी


Iran, nuclear site
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ईरान के परमाणु ठिकाने की सैटेलाइट तस्वीर

America strikes Iran Nuclear Sites:  अब तक इजरायल और ईरान एक दूसरे पर मिसाइलें दाग रहे थे, फाइटर जेट्स या ड्रोन से हमले कर रहे थे। लेकिन इजरायल और ईरान के युद्ध के बीच अमेरिका भी कूद पड़ा। उसने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर बमबारी कर दी। जानकारी के मुताबिक अमेरिका ने इस हमले के लिए बंकर बस्टर बम के साथ ही टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया। 

फोर्डो पर कितने बम गिराए?

एक अमेरिकी अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने पर एक दर्जन बंकर बस्टर बम गिराए गए। इसके लिए अमेरिका ने 6  बी-2 बमवर्षकों विमानों का इस्तेमाल किया। वहीं नतांज़ और इस्फ़हान के परमाणु ठिकानों पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों से हमला हुआ। ये मिसाइलें 400 मील दूर अमेरिकी पनडुब्बियों से दागी गईं। वहीं नतांज स्थित परमाणु ठिकाने पर अमेरिका ने दो बंकर बस्टर बम भी गिराए। हालांकि जिस तरह का हमला किया गया है उससे रेडिएशन का भी खतरा हो सकता है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने बताया कि अमेरिकी हमले के बाद वहां रेडिएश के कोई संकेत नहीं मिले।

बता दें कि रविवार तड़के अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला करने के साथ ही यह चेतावनी भी दी कि अगर उसने जवाबी कार्रवाई की तो उसके खिलाफ और अधिक हमले किए जा सकते हैं। ट्रंप ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की अनुमति के बिना यह कार्रवाई की। इस हमले से हुए नुकसान का अभी तक आकलन नहीं किया गया है। यह हमला ऐसे समय में किया गया जबकि इजरायल और ईरान के बीच पिछले 9 दिनों से जंग जारी है। आइये जानते हैं कि बंकर बम और टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों के बारे में।

बंकर बस्टर बम

बंकर बस्टर बम एक ऐसा पावरफुल हथियार है जिसे खासतौर से जमीन के काफी नीचे बने बंकर या कठोर लक्ष्यों को भेदने के लिए डिजाइन किया गया है। यह बम पारंपरिक बमों के मुकाबले ज्यादा घातक होते हैं। ये अपने टारगेट के अंदर घुसकर ब्लास्ट करते हैं जिससे बंकर के अंदर मौजूद दुश्मनों और उनके उपकरणों को काफी नुकसान होता है।

टॉमहॉक क्रूज मिसाइल

टॉमहॉक (Tomahawk) एक लंबी दूरी की मिसाइल है। यह हर मौसम में मार कर सकती है। यह एक सबसोनिक (ध्वनि की गति से धीमी) क्रूज मिसाइल है। इसे अमेरिकी सेना के सबसे अचूक और महत्वपूर्ण हथियारों में से एक माना जाता है। मुख्य रूप से इसे अमेरिकी नौसेना और रॉयल नेवी (ब्रिटेन) द्वारा युद्धपोतों और पनडुब्बियों से दुश्मन के जमीनी ठिकानों को सटीकता से नष्ट करने के लिए लॉन्च किया जाता है।

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