
रमा देवी सकुशल घर लौट आई है।
बिहार के छपरा जिले के रिविलगंज प्रखंड के भादपा गांव से एक अजीबोगरीब और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। जिस महिला का अंतिम संस्कार हो चुका था, श्राद्ध कर्म भी पूरे विधि-विधान से किया गया था, वह महिला अचानक अपने घर लौट आई। इस घटना ने न सिर्फ गांव वालों को, बल्कि स्थानीय प्रशासन को भी हैरानी में डाल दिया है।
जानें पूरा मामला
मामला रिविलगंज के मोहब्बत परसा पंचायत स्थित भादपा नया बस्ती का है, जहां रहने वाले राम स्वरूप राय की पत्नी रमा देवी (45 वर्ष) 17 मई को अचानक घर से लापता हो गई थीं। परिवार वालों ने हर जगह उनकी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसी बीच 26 मई को सरयू नदी के थाना घाट के पूर्वी किनारे एक महिला का शव बरामद हुआ। शव बुरी तरह सड़-गल चुका था, लेकिन शरीर की बनावट रामा देवी से मेल खाती लगी। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी और संदेह जताया कि यह शव रामा देवी का ही है।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और फिर उसे परिजनों को सौंप दिया गया। पूरे गांव और परिवार के लोगों की उपस्थिति में शव का अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद 11 जून को रमा देवी का श्राद्धकर्म भी सम्पन्न हो गया।
‘जो महिला मर चुकी थी, वह जिंदा कैसे?’
परिवार इस दुखद घटना को नियति मानकर स्वीकार कर चुका था। लेकिन कहानी ने एक अप्रत्याशित मोड़ तब लिया, जब 22 जून की सुबह रमा देवी खुद अपने घर लौट आईं। उन्हें दरवाजे पर देख पूरा परिवार हक्का-बक्का रह गया। आसपास के लोग भी यह खबर सुनकर घर पर जमा हो गए। सबके दिमाग में एक ही सवाल था- “जो महिला मर चुकी थी, वह जिंदा कैसे?”
इतने दिन कहां थी महिला?
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार रामा देवी मानसिक रूप से अर्द्ध विक्षिप्त हैं और बिना किसी को बताए अपने मायके कोलकाता चली गई थीं। वहां कुछ दिन रुकने के बाद वे अपने आप ही वापस लौट आईं। इतने समय में परिजनों को उनकी कोई सूचना नहीं मिली और जब नदी किनारे मिला शव उनके जैसे आकार-प्रकार का निकला, तो परिजनों ने जल्दबाजी में पहचान कर ली और दाह-संस्कार कर डाला।
बिना जांच के किया शव का अंतिम संस्कार
परिजनों ने बताया कि नदी से मिला शव काफी हद तक सड़ चुका था और पहचानना बेहद मुश्किल था। अब जबकि रमा देवी सुरक्षित लौट आई हैं, घर में खुशी का माहौल है। गनीमत रही कि अभी तक मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ था, वरना कानूनी पेंच और बढ़ जाते। यह घटना न सिर्फ एक पहचान की चूक को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि बिना पर्याप्त जांच के किसी शव की पहचान कर अंतिम संस्कार कर देना कितनी बड़ी भूल साबित हो सकती है।
पुलिस अब इन सवालों के जवाब खोज रही है कि जिसका अंतिम संस्कार हुआ, आखिरकार वो महिला कौन थी? कैसे उसकी मौत हुई? उसकी हत्या हुई है या फिर कहानी कुछ और ही है? वो कहां की रहने वाली है?
(रिपोर्ट- बिपिन श्रीवास्तव)
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