हरियाणा में महंगी हुई बिजली, पब्लिक की जेब पर बढ़ेगा बोझ, स्लैब में बदलाव और फिक्स चार्ज में 12 से 30% की बढ़ोतरी


हरियाणा में महंगी हुई बिजली
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हरियाणा में महंगी हुई बिजली

हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर महंगाई का जोरदार झटका लगा है। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बिजली की नई टैरिफ दरें जारी की हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी हैं। इस बार बिजली की दरों में 20 से 40 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है, साथ ही स्लैब संरचना में बदलाव और फिक्स चार्ज में 12 से 30% तक की वृद्धि ने उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ा दी है। इस फैसले से राज्य के लगभग 81 लाख घरेलू, औद्योगिक और कृषि उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ पड़ने की संभावना है।

नई टैरिफ दरें और स्लैब में बदलाव

हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली निगमों के 4,520 करोड़ रुपये के घाटे को पाटने के लिए यह कदम उठाया है। नई टैरिफ व्यवस्था के तहत स्लैब संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब 300 यूनिट तक मासिक खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं से कोई फिक्स चार्ज नहीं लिया जाएगा, जो पहले 115 से 135 रुपये तक था। हालांकि, उच्च खपत वाले उपभोक्ताओं के लिए फिक्स चार्ज में वृद्धि की गई है। 

नई दरें इस प्रकार हैं:

  • 0-50 यूनिट: पहले 2.00 रुपये प्रति यूनिट, अब 2.20 रुपये प्रति यूनिट।  
  • 51-100 यूनिट: पहले 2.50 रुपये प्रति यूनिट, अब 2.70 रुपये प्रति यूनिट।  
  • 0-150 यूनिट: पहले 2.75 रुपये प्रति यूनिट, अब 2.95 रुपये प्रति यूनिट।  
  • 151-300 यूनिट: दर 5.25 रुपये प्रति यूनिट (पहले जैसी ही)।  
  • 301-500 यूनिट: पहले 6.30 रुपये प्रति यूनिट, अब 6.45 रुपये प्रति यूनिट।  
  • 500 यूनिट से अधिक: 7.10 रुपये प्रति यूनिट (पहले जैसी ही)।  
  • 300 यूनिट से अधिक खपत: प्रति किलोवाट 50 रुपये का फिक्स चार्ज।

इसके अलावा, बल्क सप्लाई और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए भी दरें बढ़ाई गई हैं। हाई टेंशन लाइन सप्लाई में 30 से 35 पैसे और छोटे कारखानों की एलटी सप्लाई में 10 से 15 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है। बल्क सप्लाई की दरें 40 पैसे तक बढ़ी हैं।

फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (FSA) का अतिरिक्त बोझ

हरियाणा सरकार ने पहले ही फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (FSA) को 2026 तक बढ़ा दिया है, जिसके तहत 200 यूनिट से अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 47 पैसे अतिरिक्त और 94.47 रुपये मासिक अतिरिक्त भुगतान करना होगा। हालांकि, 200 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को FSA से छूट दी गई है। यह कदम बिजली निगमों पर बढ़ते डिफॉल्टिंग अमाउंट को कम करने के लिए उठाया गया है।

उपभोक्ताओं पर प्रभाव

नई दरों और फिक्स चार्ज में वृद्धि का सबसे अधिक असर मध्यमवर्गीय और उच्च खपत वाले परिवारों पर पड़ेगा, खासकर गर्मियों में जब एसी, कूलर और अन्य बिजली उपकरणों का उपयोग बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, 100 यूनिट बिजली खपत करने वाले परिवार का बिल अब 20 रुपये अधिक आएगा। वहीं, 300 यूनिट से अधिक खपत करने वालों को फिक्स चार्ज के साथ बिल में 12 से 30% की बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा।

औद्योगिक और कृषि क्षेत्र भी इस बढ़ोतरी से प्रभावित होंगे। कृषि क्षेत्र के लिए बिजली की दर 6.48 रुपये से बढ़कर 7.35 रुपये प्रति यूनिट हो गई है, लेकिन सरकार की सब्सिडी के कारण किसानों को केवल 10 पैसे प्रति यूनिट ही देना होगा। फिर भी, सब्सिडी का बोझ सरकार पर बढ़ेगा, जिसका असर दीर्घकाल में उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है।

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