जब कोई अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचता है तो क्या होता है, देखें लाइव VIDEO


अंतरराष्ट्रीय स्पेश स्टेशन में पहुंचे अंतरिक्ष यात्री।
Image Source : X@NASA
अंतरराष्ट्रीय स्पेश स्टेशन में पहुंचे अंतरिक्ष यात्री।

NASA: जब कोई अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचता है, तो एक बेहद व्यवस्थित और तकनीकी प्रक्रिया से उसे गुजरना होता है। यह प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है। शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष यान जब आईएसएस पहुंचा तो उनका भी जोरदार स्वागत हुआ। पहले से मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों ने नए एस्ट्रोनाट्स को गले लगाया। वह सभी हवा में तैरते नजर आए।

 1. डॉकिंग (Docking)

स्पेसक्राफ्ट (जैसे SpaceX का Crew Dragon या रूस का Soyuz) धीरे-धीरे ISS के साथ जुड़ता है। यह प्रक्रिया अपने आप होती है लेकिन ग्राउंड कंट्रोल और अंतरिक्ष यात्री दोनों निगरानी करते हैं। सफल डॉकिंग के बाद वायुदाब बराबर किया जाता है।

2. हैच ओपनिंग और स्वागत

वायुदाब बराबर होने के बाद स्पेस स्टेशन और स्पेसक्राफ्ट के बीच का हैच (दरवाज़ा) खोला जाता है। पहले से मौजूद अंतरिक्ष यात्री नए क्रू का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। अक्सर यह पल कैमरे पर रिकॉर्ड किया जाता है और नासा या अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां इसका लाइव प्रसारण करती हैं।

3. स्वास्थ्य जांच और अनुकूलन (Health Check & Adaptation)

अंतरिक्ष में पहुंचे नए अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य की प्रारंभिक जांच होती है। उन्हें सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) के लिए खुद को अनुकूलित करना होता है, जिसमें कुछ घंटों से लेकर कुछ दिन लग सकते हैं। गुरुत्वाकर्षण इतना कम होता है कि अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन में हवा में तैरते हैं।

4. कार्य प्रारंभ (Commencement of Duties)

उक्त प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद अंतरिक्ष यात्री अपने अनुसंधान, वैज्ञानिक प्रयोग, रखरखाव, और अन्य जिम्मेदारियों में लग जाते हैं। उनकी दिनचर्या में वैज्ञानिक प्रयोग, स्पेस वॉक की तैयारी, स्टेशन की मरम्मत और सफाई, कसरत (exercise) – हर दिन लगभग 2 घंटे, मांसपेशियों और हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए शामिल होते हैं।

 5. भोजन और जीवन

अंतरिक्ष गए एस्ट्रोनॉट्स खासकर के पैकेज्ड भोजन खाते हैं। पानी को रीसायकल करके पीने योग्य बनाया जाता है। नींद के लिए हर अंतरिक्ष यात्री का एक छोटा सा प्राइवेट क्वार्टर होता है। 

6. पृथ्वी से संपर्क

अंतरिक्ष यात्री नियमित रूप से मिशन कंट्रोल से पृथ्वी के संपर्क में रहते हैं। कभी-कभी वे वीडियो कॉल या सोशल मीडिया के ज़रिए पृथ्वी पर अपने परिवार या जनता से भी संवाद करते हैं।

ISS में अंतरिक्ष यात्री का जीवन

यहां गुरुत्वाकर्षण नहीं होने से माइक्रोग्रैविटी का अनुभव होता है। यानी इंसान, खाने-पीने के सामान, उपकरण सब कुछ तैरते हैं। इसका प्रभाव ये होता है कि शरीर के तरल पदार्थ ऊपर की ओर खिसक जाते हैं, जिससे चेहरे थोड़े फूले लगते हैं। हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर होने लगती हैं, इसलिए दैनिक व्यायाम (2 घंटे तक) अनिवार्य होता है। 

नींद कैसे लेते हैं?

वहाँ कोई “ऊपर” या “नीचे” नहीं होता। अंतरिक्ष यात्री सोने के लिए एक स्लीपिंग बैग में दीवार से बंधकर सोते हैं। वे किसी भी दिशा में सो सकते हैं, पर बैग उन्हें एक जगह स्थिर रखता है। 

खाना कैसे खाते हैं?

खाना विशेष पैकेजिंग में होता है — अधिकतर सूखा, पुनर्गठित या ट्यूब वाला भोजन होता। मसाले (जैसे नमक-पेपर) तरल या पाउडर रूप में होते हैं ताकि वे तैरने न लग जाएं।

टॉयलेट कैसे करते हैं?

अंतरिक्ष में टॉयलेट सिस्टम विशेष होता है। मूत्र एक ट्यूब में खींचा जाता है और बाद में पानी के रूप में रीसायकल किया जाता है। ठोस अपशिष्ट को वैक्यूम की मदद से सुरक्षित किया जाता है और बाद में पृथ्वी की ओर भेजा जाता है या अंतरिक्ष में नष्ट कर दिया जाता है।

क्या  काम करते हैं अंतरिक्ष यात्री?

वैज्ञानिक प्रयोग (biology, physics, Earth observation), अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत और निगरानी, सैटेलाइट्स की तैनाती, स्कूलों और मीडिया से लाइव बातचीत

अन्य रोचक तथ्य

  • ISS पृथ्वी के चारों ओर हर 90 मिनट में एक चक्कर लगाता है। 
  • यहां एक दिन में 16 बार सूर्योदय-सूर्यास्त होता है।
  • आईएसएस का आकार लगभग फुटबॉल मैदान के बराबर होता है। 
  • इसकी क्षमता एक समय में लगभग 6-7 अंतरिक्ष यात्रियों से लेकर 20 तक हो सकती है। 
  • आम तौर पर अंतरिक्ष यात्री 6 महीने तक ISS पर रहते हैं। विशेष परिस्थितियों में ही समय बढ़ सकता है।

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