बिहार की राजधानी पटना को एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। पटना के गंगा नदी में जल्द ही वॉटर मेट्रो चलेगी। केंद्रीय पत्तन, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने यह घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पटना में जल्द ही वॉटर मेट्रो सेवाएं शुरू होंगी। आपको बता दें कि इस साल के शुरू में, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट के लिए विस्तृत व्यवहार्यता अध्ययन शुरू किया था, तथा कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड (केएमआरएल)- जो एक सफल वॉटर मेट्रो सेवा संचालित करता है को गंगा और उसकी सहायक नदियों पर इसकी क्षमता का आकलन करने के लिए कहा था।
पटना में वाटर मेट्रो चलाने की क्यों तैयारी?
पटना की सड़कों को चौड़ा करना मुश्किल है। सड़के पहले ही जाम से जूझ रही है। अधिकांश सड़कें अक्सर जाम की शिकार होती हैं, जिससे ऑफिस जाने वालों से लेकर स्कूली बच्चों तक सभी परेशान रहते हैं। पटना का लेआउट और नदी की सीमाएं सड़क विस्तार की गुंजाइश को सीमित करती हैं। शहर उत्तर में गंगा, पश्चिम में हाजीपुर के पास सोन और दक्षिण में पुनपुन से घिरा हुआ है। यह भौगोलिक स्थिति, सड़क के विस्तार पर ब्रेक लगात हैं। इसलिए वॉटर मेट्रो एक बेहतर विकल्प सामने आ रहा है।
वॉटर मेट्रो क्या है?
वॉटर मेट्रो एक नौका प्रणाली है जो इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड जहाजों का उपयोग करती है। भारत में इस मॉडल 2023 में सबसे पहले कोच्चि वॉटर मेट्रो द्वारा शुरू किया गया। पटना की प्रस्तावित वॉटरमेट्रो सीधे इसी मॉडल से प्रेरित है। वॉटर मेट्रो को पटना की आगामी रेल मेट्रो के पूरक के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसका पहला चरण 15 अगस्त को खुलने वाला है। शहर की नई ब्लू लाइन पटना जंक्शन को अंतर-राज्यीय बस टर्मिनल से जोड़ेगी, और वॉटर मेट्रो टर्मिनलों को प्रमुख परिवहन केंद्रों, आवासीय क्षेत्रों और बाजारों के पास योजनाबद्ध किए जाने की उम्मीद है ताकि निर्बाध अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा सके।