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टेनिस प्रेमियों के लिए विंबलडन सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि एक परंपरा है। हर साल लंदन के ऑल इंग्लैंड क्लब में खेले जाने वाले इस प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट की अपनी खास शानोशौकत है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विंबलडन से जुड़ी कई ऐसी अनसुनी और रोचक बातें भी हैं, जिनसे बहुत कम लोग वाकिफ हैं? आइए जानते हैं विंबलडन से जुड़ी 5 अनजानी बातें

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विंबलडन दुनिया का इकलौता टेनिस टूर्नामेंट है, जहां खिलाड़ियों के लिए सफेद ड्रेस पहनना अनिवार्य है। सिर्फ जूते, हेडबैंड और एक्सेसरीज़ भी ज्यादातर सफेद होने चाहिए। नियम के मुताबिक, खिलाड़ी की पोशाक में सिर्फ एक मिलीमीटर तक ही रंगीन पट्टी की अनुमति होती है।

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विंबलडन में स्ट्रॉबेरी और क्रीम खाना एक परंपरा है। हर साल यहां करीब 20 टन स्ट्रॉबेरी खाई जाती है। दर्शक और खिलाड़ी, दोनों इस मीठे और ताजा स्नैक का लुत्फ उठाते हैं। यह सिलसिला 1800 के दशक से चला आ रहा है।

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हालांकि अब सेंटर कोर्ट और नंबर वन कोर्ट पर रिट्रैक्टेबल रूफ (छत) लगा दी गई है, लेकिन लंबे समय तक विंबलडन बारिश में रुक जाने वाला एकमात्र ग्रैंड स्लैम था। लंदन की बदलती मौसम की वजह से कई मैच घंटे और कभी-कभी दिन भर तक के लिए टल जाते थे।

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दूसरे ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट्स में विजेताओं को मैच जीतने के बाद ऑन-कोर्ट प्राइज मनी दी जाती है, लेकिन विंबलडन में ऐसा नहीं होता। विजेताओं को सिर्फ ट्रॉफी दी जाती है और प्राइज मनी का चेक उन्हें बाद में निजी रूप से सौंपा जाता है।

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ऑल इंग्लैंड क्लब में लगी प्रसिद्ध विंबलडन क्लॉक Rolex कंपनी द्वारा 1978 में लगाई गई थी। यह घड़ी टूर्नामेंट का एक अहम हिस्सा है और हर साल लाखों दर्शक इसका वक्त देखकर अपने पसंदीदा मुकाबलों की तैयारी करते हैं। इन सभी बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विंबलडन सिर्फ खेल नहीं, बल्कि शाही परंपराओं, सख्त नियमों और अनोखी परंपराओं का संगम है। यही वजह है कि यह दुनिया के सबसे पुराने और खास ग्रैंड स्लैम के तौर पर आज भी अपनी अलग पहचान बनाए हुए है।