सुपरस्टार के लिए पिता ने मां को छोड़ा, खराब हुआ स्टारकिड का बचपन, दूर हुए दोस्त, छलका दर्द


Anshula Kapoor
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अंशुला कपूर

अंशुला कपूर बॉलीवुड के जाने-माने निर्माता बोनी कपूर और उनकी पहली पत्नी मोना कपूर की बेटी और बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर की छोटी बहन हैं। अंशुला इन दिनों करण जौहर के शो ‘द ट्रेटर्स’ को लेकर सुर्खियों में हैं, जिसके जरिए वह दर्शकों के दिल जीत रही हैं। इस शो के जरिए दर्शकों को पहली बार अंशुला की रियल पर्सनैलिटी देखने को मिली। वह भले ही शो की विनर नहीं बन पाईं और शो से बाहर हो गईं, लेकिन अपने गेम के जरिए वह दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहीं। द ट्रेटर्स से बाहर आने के बाद अब अंशुला ने अपनी पर्सनल लाइफ और माता-पिता के तलाक को लेकर बात की।

श्रीदेवी के लिए बोनी कपूर ने मोना शौरी से लिया था तलाक

अंशुला ने नयनदीप रक्षित के साथ बातचीत के दौरान अपने बचपन के दिनों को याद किया और बताया कि जब श्रीदेवी के साथ उनके पिता बोनी कपूर का रिश्ता पब्लिक हुआ तो कैसे उन्हें स्कूल में उन्हें इमोशनल मोमेंट्स से गुजरना पड़ा। बोनी कपूर ने पहले मोना शौरी से शादी की थी, जिनसे उनके दो बच्चे अर्जुन कपूर और अंशुला कपूर थे। लेकिन, शादीशुदा और दो बच्चों का पिता होते हुए भी वह श्रीदेवी के प्यार में पड़ गए, जिनके लिए उन्होंने अंशुला की मां मोना शौरी को छोड़ दिया।

माता-पिता के तलाक ने दिया दर्द

अंशुला ने कहा- ‘स्कूल में वापस जाने पर, जाहिर तौर पर चीजें बदल गईं। मेरे माता-पिता 1990 के दशक में अलग हो गए थे। उस समय लोगों के लिए तलाक या सेपरेशन बहुत बड़ी चीज हुआ करती थी। तब तलाक अनसुना था, और बहुत ही असामान्य था। मुंबई जैसे शहर में भी सेपरेशन नॉर्मल नहीं था। जब हमारे माता-पिता अलग हुए, तो लोगों को यह समझने में थोड़ा समय लगा कि किसी के कैरेक्टर में स्वाभाविक रूप से कुछ भी गलत नहीं है। लोगों के दिमाग में यह बात घुसना बहुत मुश्किल हो गया।’

पिता की दूसरी शादी के बाद क्लासमेट्स का बदल गया व्यवहार

अंशुला ने बताया कि उनके लिए चीजें बहुत जल्दी बदलीं और ये उनके लिए दर्द से भरा था। खासतौर पर उनके प्रति उनके क्लासमेट्स और उनके परिवारों का व्यवहार। उन्होंने कहा- ‘मैं फर्स्ट स्टैंडर्ड में थी और जो होने लगा वह यह था कि ऐसे परिवार थे जो हमारे जीवन में हो रही घटनाओं से जुड़ना नहीं चाहते थे। वे नहीं चाहते थे कि उनके बच्चे हमारे घर में आएं और किसी भी तरह के झगड़े का हिस्सा बनें। 90 के दशक में, आप स्कूल के बाद किसी बच्चे के घर जाते थे, है न? मुझे याद है कि जिस तरह से मेरे क्लासमेट मेरे प्रति व्यवहार कर रहे थे, और जिस तरह से उनके परिवार मेरे प्रति व्यवहार कर रहे थे, उसमें बहुत बड़ा बदलाव आया था। स्कूल में रहना बहुत ही इमोशनल और बहुत ही उलझन भरा समय था।’

पिता की गैरमौजूदगी करती थी कन्फ्यूज

अंशुला ने बचपन में अपने पिता की गैरमौजूदगी के बारे में भी बात की और बताया कि कैसे इस चीज को लेकर वह एक उलझन में रहती थीं। उन्होंने कहा- ‘इन सबसे भी ज्यादा, मुझे इस बात को लेकर कन्फ्यूजन होता था कि मेरे पापा कभी भी घर में क्यों नहीं होते। इन सबके बाद मेरे लिए चीजों से डील कर पाना बहुत मुश्किल था। लेकिन, मेरे पास मां थीं, अर्जुन भैया था और कजन्स थे। अब, हम बहुत अधिक खुले विचारों वाले हैं।’

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