अमरनाथ गुफा के लिए पहला जत्था रवाना, CCTV और ड्रोन से यात्रा के रूट पर निगरानी


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Image Source : INDIA TV
अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ।

श्रीनगर: बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा का आगाज गुरुवार को औपचारिक तौर पर हो चुका है। श्रद्धा और उत्साह के साथ तीर्थयात्रियों का पहला जत्था आज बालटाल और पहलगाम रूट से अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुआ। यह पवित्र यात्रा 38 दिनों तक चलेगी, जो 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक जारी रहेगी। इस दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन करेंगे। बालटाल रूट से गुफा की दूरी केवल 14 किलोमीटर है, जिसके चलते इस रास्ते से गए यात्री आज ही दर्शन कर लौट आएंगे। वहीं, पहलगाम रूट से जाने वाले जत्थे को 48 किलोमीटर का सफर तय करने में तीन दिन लगेंगे। इस साल करीब साढ़े तीन लाख श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है, जो बाबा बर्फानी के प्रति उनकी अटूट आस्था को दर्शाता है।

यात्रा की सुरक्षा के लिए किए गए कड़े इंतजाम

यात्रा की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरे रास्ते पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की 581 कंपनियां तैनात हैं, जिनमें CRPF की 219, BSF की 130, SSB की 97, ITBP की 62 और CISF की 60 कंपनियां शामिल हैं। रास्ते को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है, ताकि किसी भी तरह की हवाई गतिविधि से यात्रा प्रभावित न हो। सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए रूट पर 700 हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो चेहरों को पहचानने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा, ड्रोन और स्नाइपर्स की तैनाती भी की गई है, जो लगातार निगरानी करेंगे। रास्ते पर पेमेंट स्कैनर भी लगाए गए हैं, ताकि यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित हो।

यात्रियों की सुविधाओं पर दिया गया पूरा ध्यान

अमरनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचती है। इस बार भी प्रशासन ने यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाओं का दावा किया है। स्वास्थ्य केंद्र, ऑक्सीजन बूथ और आपातकालीन सेवाएं रास्ते में उपलब्ध हैं। मौसम की जानकारी देने के लिए विशेष कैंप भी लगाए गए हैं। श्रद्धालु उत्साह से भरे हुए नजर आ रहे हैं। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और रजिस्ट्रेशन के बिना यात्रा न करें। बता दें कि यह यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। बाबा अमरनाथ की यह पवित्र यात्रा श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक शांति और एकता का प्रतीक है।





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