
स्टारलिंक की सैटेलाइट सर्विस जल्द भारत में लॉन्च होगी
Starlink की भारत में एंट्री लगभग तय है। सरकार की तरफ से एलन मस्क की कंपनी को सर्विस शुरू होने की हरी झंडी मिल गई है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को एक इवेंट के दौरान कहा कि SpaceX की स्टारलिंक की तरफ से भारत में सर्विस शुरू करने की सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। रेगुलेटरी और लाइसेंसिंग अप्रूवल मिलने के बाद वे भारत में अपनी सैटेलाइट सर्विस शुरू कर सकते हैं।
सभी प्रक्रियाएं पूरी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से स्टारलिंक के अफोर्डेबल सैटेलाइट बेस्ड सर्विस की एंट्री को लेकर सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। एलन मस्क की कंपनी को अब भारतीय नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथोराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) से अप्रूवल मिलने का इंतजार है। बता दें भारत में सैटेलाइट संबंधित सर्विस को IN-SPACe ही रेगुलेट करती है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि स्टारलिंक को रेगुलेटरी अप्रूवल मिलने के बाद सर्विस शुरू की जा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, एलन मस्क की कंपनी SpaceX भारत में अपनी सैटेलाइट सर्विस को अगले दो महीने में शुरू कर सकती है। कंपनी फिलहाल भारत में बेस स्टेशन बनाने का काम कर रही है। IN-SPACe के चेयरमैन पवन गोयनका ने भी कंफर्म किया है कि स्टारलिंक के सभी लाइसेंस से जुड़ी जरूरतों को अड्रेस किया गया है।
IN-SPACe से अप्रूवल का इंतजार
IN-SPACe का गठन भारत सरकार ने साल 2020 में किया था। IN-SPACe ने स्टारलिंक को लेटर ऑफ इंटेंट पहले ही जारी कर दी है। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। रेगुलेटर और कंपनी के बीच डॉक्यूमेंट साइन होने के बाद स्टारलिंक की सर्विस को भारत में शुरू करने के लिए आधिकारिक अप्रूवल मिल जाएगा। इस समय स्टारलिंक SpaceX के 6,750 लोअर ऑर्बिट सैटेलाइट्स के जरिए हाई स्पीड ब्रॉडबैंड सर्विस दुनिया के 105 से ज्यादा देशों में उपलब्ध करा रहा है।
भारत के अलावा स्टारिलंक पड़ोसी देशों जैसे कि भूटान और बांग्लादेश में अपनी सर्विस पहले ही शुरू कर चुका है। भारत में स्टारलिंक की सर्विस काफी अफोर्डेबल हो सकती है। सरकार ने कंपनी को अफोर्डेबल सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस मुहैया कराने के लिए कहा है। भूटान और बांग्लादेश में स्टारलिंक की सर्विस के लिए हर महीने लगभग 3,300 रुपये का खर्च आता है। इसके अलावा वन टाइम इक्विपमेंट खर्च करीब 30,000 रुपये है।