असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर या धनकुबेर! बेड में भी लॉकर, इतनी संपत्ति देख भौंचक रह गए अधिकारी, जानें अब तक क्या-क्या मिला?


vigilence raid
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असिस्टेंट एग्जिक्यूटिव इंजीनियर के ठिकानों पर छापा

ओडिशा में एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के ठिकानों पर विजिलेंस विभाग के अधिकारियों ने छापा मारा। छापे के दौरान असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की संपत्ति देखकर विजिलेंस के अधिकारी भी भौंचक रह गए। विजिलेंस विभाग ने आज बलांगीर जिले के टिटलागढ़ R\&B उपमंडल में कार्यरत असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (AEE) दिलेश्वर माझी के खिलाफ एक साथ 6 जगहों पर छापेमारी की। बेड के नीचे लॉकर में कैश रखा हुआ था जबकि कई जगहों पर जमीन और मकान का पता चला है।  यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति जमा करने की शिकायतों के आधार पर की गई है।

जानकारी के मुताबिक विजिलेंस ने यह बड़ी कार्रवाई बोलांगीर, संबलपुर और झारसुगुड़ा जिलों में की। विशेष न्यायाधीश, विजिलेंस, बोलांगीर से प्राप्त सर्च वारंट के आधार पर तलाशी अभियान चलाया गया। इस अधिकारी ने अपने बेड में लॉकर बना रखा था। इस लॉकर से 6.5 लाख रुपये कैश मिले। इसके अलावा कई मकान और कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स पर भी छापे की कार्रवाई हुई।

इन 6 जगहों पर एक साथ छापेमारी हुई 

  1. संबलपुर के सारला यूनिट-16 में दो मंजिला मकान
  2. झारसुगुड़ा में एक दो मंजिला मकान
  3. ब्रजराजनगर में एक मार्केट कॉम्प्लेक्स
  4. लाहांदाबुड़ में दो हाउसिंग बोर्ड के मकान
  5. कांटाबांजी (बोलांगीर) R\&B डिवीजन कार्यालय
  6. टिटलागढ़, (बोलांगीर) का सरकारी क्वार्टर

छापे के दौरान अब तक क्या मिला?

  • संबलपुर वाले मकान में बेड के नीचे एक लॉकर में छुपाकर रखे गए ₹6,57,500 कैश
  • 4500 स्क्वेयर फीट का दो मंजिला मकान जिसमें नीचे की मंजिल पर अधिकारी की पत्नी द्वारा संचालित ब्यूटी पार्लर है
  • ब्रजराजनगर यूनिट-2 में 6300 स्क्वेयर फीट का एक और दो मंजिला मकान
  • लाहांदाबुड़ (झारसुगुड़ा) में दो मकान
  • 900 स्क्वेयर फीट का मार्केट कॉम्प्लेक्स जिसमें 4 दुकानें हैं 
  • 9 हाई वैल्यू प्लॉट – जिनमें 1 संबलपुर में , 1 ब्रजराजनगर में, 6 संबलपुर के बाहरी इलाके में और 1 बड़माल(झारसुगुड़ा) में हैं
  • करीब 300 ग्राम सोना
  • बैंक में ₹20 लाख से अधिक की जमा राशि और अन्य निवेश
  • 1 कार (स्विफ्ट डिजायर) और 2 दोपहिया वाहन

विजिलेंस की तकनीकी टीम द्वारा अब इन मकानों, दुकानों और प्लॉट्स की वैल्युएशन की जा रही है। अभी तक की जानकारी से साफ है कि दिलेश्वर माझी और उनके परिवार के नाम पर बड़ी मात्रा में संपत्ति पाई गई है, जो उनकी आय से कहीं अधिक मानी जा रही है। फिलहाल तलाशी अभियान जारी है। यह मामला राज्य में सरकारी अधिकारियों की संपत्ति की निगरानी को लेकर फिर से सवाल खड़े कर रहा है।

रिपोर्ट-शुभम कुमार, ओडिशा

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