
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)
बीजिंगः चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पता चल गया है। जबकि अभी तक उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बना रखी थी। साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट की खबर के अनुसार राज्य और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के मीडिया ने गत सोमवार को उन्हें पोलितब्यूरो को निर्देश देते हुए दिखाया है। इससे माना जा रहा है कि कई दिनों की गुमनामी के बाद जिनपिंग फिर से नियंत्रण के लिए लौट आए हैं। जोकि यह संकेत करता है कि वह अब भी सत्ता की कमान संभाले हुए हैं। इस दौरान उन्होंने अनुशासन को लेकर जीरो टोलरेंस अपनाने की बात कही।
कब से थे लापता
मीडिया में आई खबरों के अनुसार राष्ट्रपति शी जिनपिंग 20 मई से ही लापता थे। उनको लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही थी, कुछ लोग उन्हें हाउस अरेस्ट होने का दावा कर रहे थे तो कुछ उनके गायब होने को चीन की सेना में मची भारी उथल-पुथल से जोड़कर देख रहे थे। मगर अब साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट का दावा है कि उन्होंने गत सोमवार को पोलित ब्यूरो को कुछ आवश्यक निर्देश जारी किया है।
शी ने पोलित ब्यूरो को क्या संदेश दिया?
रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को 24 सदस्यीय पोलितब्यूरो की एक समूह अध्ययन बैठक को शी ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश को राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी अभियान की निगरानी के लिए एक “स्पष्ट, पारदर्शी और ट्रेसेबल” प्रक्रिया की आवश्यकता है। शी ने यह टिप्पणी पार्टी की स्थापना की 104वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर की। शी जिनपिंग ने कहा, “भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए, हमें सत्ता के प्रयोग को नियंत्रित करना होगा।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “हमें सत्ता के अधिकार, प्रयोग और नियंत्रण को एकीकृत करने के लिए संस्थागत तंत्र को बेहतर बनाना होगा और इसे स्पष्ट, पारदर्शी और ट्रेसेबल बनाना होगा। हमें सत्ता के प्रयोग में मौजूद खामियों की पहचान करने और प्रणाली की कमजोरियों को दूर करने पर ध्यान देना चाहिए।”
जनता, पार्टी और कानून का करें सम्मान
शी ने पार्टी सदस्यों और अधिकारियों से जनता, पार्टी और कानून सम्मान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वे हमेशा यह याद रखें कि “सारी सत्ता जनता द्वारा दी जाती है। इसलिए जनता, पार्टी, कानून और अनुशासन का सम्मान करें। शी जिनपिंग ने एक बार फिर पार्टी अनुशासन बनाए रखने के लिए दशक पुराने आठ-सूत्रीय सादगी नियमों को कड़ाई से लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
पिछले दिनों कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को कर चुके सस्पेंड व निष्कासित
शी जिनपिंग पीएलए से कई सैन्य अधिकारियों को पिछले दिनों निलंबित और निष्कासित कर चुके हैं। इसके बाद से सेना में भारी विरोध और उथल-पुथल मची है। इसी बीच शी जिनपिंग के तथाकथित रूप से गायब होने की चर्चाएं जोरों पर थीं। इससे कई तरह के सवाल उठने लगे थे। मगर अब जिनपिंग देश में पुराने 8 सूत्रीय सादगी वाले नियम फिर से लागू करना चाहते हैं। ये नियम 2012 में भी शी के सत्ता में आने के तुरंत बाद लागू किए गए थे और इस वर्ष इन्हें पार्टी सदस्यों की भ्रष्ट और भोग-विलासी प्रवृत्तियों को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक शिक्षा अभियान का हिस्सा बनाया गया है। बीजिंग मानता है कि यह मुद्दा उसकी जनता के बीच छवि और शासन की वैधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जनता की देखभाल और जनमत की निगरानी को बने एडवांस पोस्ट
जिनपिंग ने कहा,”जनता की देखभाल और जनमत की निगरानी को ‘एडवांस पोस्ट’ बनाना चाहिए। विभिन्न प्रकार की निगरानियों में बेहतर समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए।” शी ने यह भी कहा कि चीनी आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाना एक कठिन कार्य है और पार्टी “अत्यंत जटिल प्रशासनिक वातावरण” का सामना कर रही है। इस परिस्थिति में आत्म-सुधार की भावना को बनाए रखना और भी ज़रूरी हो जाता है।
अनुशासन के प्रति जीरो टोलरेंस
जिनपिंग पार्टी में अनुशासन को बेहद सख्त करना चाहते हैं। उन्होंने “आठ-सूत्रीय नियम को पार्टी की आत्म-शासन की एक ऐतिहासिक पहल बताया। कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों, विशेषकर शीर्ष नेतृत्व को इस प्रयास की अगुवाई करनी चाहिए। उन्हें हर प्रकार की ‘अनहेल्दी टेंडेंसी’ पर सख्ती से लगाम लगानी चाहिए। साथ ही दीर्घकालिक रूप से पार्टी की कार्यसंस्कृति को सुधारने के लिए ठोस तंत्र स्थापित करने चाहिए।”उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के आचरण और अनुशासन को केवल कड़े नियमों तक सीमित न रखते हुए, वास्तविक कार्रवाई में बदलना चाहिए। ताकि ये “लोहे जैसे नियम अपने ‘लोहे जैसे दांत’ दिखा सकें” और पूरी पार्टी को कड़ा संदेश मिले कि अनुशासन के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति में कोई ढील नहीं है।