
आरोपी झोलाछाप डॉक्टर सुभाष विश्वास
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक झोलाछाप डॉक्टर ने इलाज के नाम पर महिला के साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद पीड़िता ने बेडगांव पुलिस थाने में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। यह शर्मनाक घटना कोरची तहसील से सामने आई है। पीड़िता छत्तीसगढ़ के इहोड़ा गांव की रहने वाली है। आरोपी डॉक्टर ने इलाज के बहाने 26 वर्षीय युवती को अपनी हवस का शिकार बनाया। बताया जा रहा है कि युवती तबीयत खराब होने के चलते अपने भाई के साथ इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टर सुभाष हरप्रसाद विश्वास के पास गई थी। डॉक्टर ने चेकअप के नाम पर उसे अपने केबिन में बुलाया और वहां दरिंदगी की हदें पार कर दी।
आरोपी डॉक्टर सुभाष हरप्रसाद विश्वास की उम्र 48 साल है। वह गढ़चिरौली जिले के बोरी गांव का रहने वाला है। आरोपी पर 16 सितंबर 2023 को भी छेड़खानी का मामला दर्ज किया जा चुका है। इस घटना के बाद पीड़िता की शिकायत पर बेडगांव पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया है। आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 64(2)(ई) के तहत अपराध दर्ज हुआ है।
14 दिन की पुलिस कस्टडी में आरोपी
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। मामले की जांच बेलगांव पुलिस सहायता केंद्र की महिला पुलिस उपनिरीक्षक वर्षा बोरसे कर रही हैं, जिनका मार्गदर्शन पुलिस निरीक्षक शैलेंद्र ठाकरे कर रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ती गतिविधियां और इनका अनियंत्रित संचालन ग्रामीण क्षेत्रों में खतरे का कारण बनते जा रहे हैं। सवाल यह भी है कि ऐसे लोगों पर पहले से केस होने के बावजूद इन्हें क्यों नहीं रोका गया? अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितना सख्त रुख अपनाता है।
बाढ़ और मलेरिया बने परेशानी
गढचिरौली में बरसात का मौसम स्थानीय लोगों के लिए मुसीबतों का पहाड़ लेकर आया है। यहां कई नालों और नदियों पर पुल नहीं हैं या बेहद छोटे हैं, जो हल्की बारिश के बाद ही डूब जाते हैं। ऐसे में कई गांव के लोगों को शहर तक जाने के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ती है। स्कूल जाने वाले बच्चे भी जान जोखिम में डालकर नाला पार करते हैं। वहीं, जलभराव के कारण मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। धानोरा तहसील के मुस्का गांव के रहने वाले शेवंता गावडे की मलेरिया से मौत हो चुकी है। गढ़चिरौली में अब तक मलेरिया के कुल 2060 मरीज सामने आ चुके हैं, और एक मरीज की मौत भी हो चुकी है। भामरागढ़ तहसील में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। मलेरिया से निपटने के लिए जिला कलेक्टर ने 14 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया है। खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण लोग झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाने के लिए मजबूर हैं और झोलाछाप डॉक्टर लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं।
(गढ़चिरौली से नरेश सहारे की रिपोर्ट)