भारतीय इंजीनियर ने काम से बचने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रच डाली ड्रोन हमले की झूठी कहानी, जानें पूरा मामला


भारती सॉफ्टवेयर इंजीनियर सोहम पारेख
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भारती सॉफ्टवेयर इंजीनियर सोहम पारेख

Indian Engineer Soham Parekh: भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर सोहम पारेख वो नाम बन गया है जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। सोहम पारेख पेशे से इंजीनियर हैं और मूनलाइटिंग यानी एक साथ एक समय पर कई जगह काम करने को लेकर विवादों फंस गए हैं। विवाद सिलिकॉन वैली से शुरू हुआ जहां के एक नहीं बल्कि कई स्टार्टअप्स फाउंडर्स ने सार्वजनिक तौर पर सोहम पर बिना जानकारी शेयर किए कई कंपनियों में काम करने का आरोप लगाया। सोहम को लेकर अब उसके पूर्व बॉस ने बड़ा खुलासा किया है।  

सोहम ने किया गुमराह

लीपिंग एआई के सह-संस्थापक अर्काडी टेलेगिन का कहना है कि सोहम ने उन्हें गुमराह किया और बार-बार झूठ बोला। टेलेगिन ने दावा किया कि पारेख ने उन्हें गुमराह करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संघर्ष वाले क्षेत्र में होने का नाटक किया। टेलेगिन के मुताबिक पारेख झूठ बोल रहा था कि वह संघर्ष वाले क्षेत्र में है जबकि वास्तव में वह उस दौरान मुंबई में था। टेलेगिन ने यह भी कि सोहम ने काम पूरा करने में बहुत अधिक समय लिया।

झूछ बोलते रहे सोहम 

टेलेगिन ने एक्स पर एक पोस्ट में पारेख के साथ अपनी चैट के स्क्रीनशॉट के साथ लिखा, “जब भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष चल रहा था, तब सोहम मुझे पीआर (कोडर द्वारा किया जाने वाला कोडिंग का एक चरण) धीमे होने की बात कहते रहे। टेलेगिन ने दावा किया कि पारेख के साथ चैट मई के उस समय की है जब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य गतिरोध चल रहा था। इस दौरान पारेख ने टेलेगिन को एक संदेश भेजा, जिसमें दावा किया गया कि ड्रोन अटैक किए जा रहे हैं। इस दौरान जब टेलेगिन ने पारेख की कुशलक्षेम पूछी, तो पारेख ने झूठ बोला कि हमले में उनके घर के पास की एक इमारत क्षतिग्रस्त हो गई है।

कैसे चर्चा में आया सोहम पारेख?

सोहम द्वारा मूनलाइटिंग किए जाने का मामला एक अमेरिकी टेक एंटरप्रोन्योर और स्टार्टअप प्लेग्राउंड एआई के फाउंडर सुहैल दोशी द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (अब एक्स) पर की गई पोस्ट से सुर्खियों में आया, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘भारत का एक लड़का सोहम पारेख एक साथ 3-4 स्टार्टअप्स में काम कर रहा है।’ सुहैल दोशी ने यह भी बताया कि सोहम कुछ समय उनके स्टार्टअप में भी काम कर चुका था, लेकिन जैसे ही मूनलाइटिंग की सच्चाई सामने आई, तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। दोशी ने अपनी पोस्ट के जरिए कंपनियों को सावधान रहने के लिए भी कहा और सोहम पारेख का CV भी शेयर किया, जिसमें उसके द्वारा डायनेमो एआई, यूनियन एआई, सिंथेसिया और एलन एआई जैसी कंपनियों में काम करना बताया गया था। 

सोहम पारेख को मिल गई नई नौकरी

इस बीच सोहम पारेख ने दावा किया है कि वह एक AI फर्म, डार्विन में शामिल हो रहे हैं, जो अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में स्थित एक नया स्टार्टअप है। हालांकि, पारेख ने यह भी कहा कि वो कही और नौकरी नहीं करेंगे। डार्विन के संस्थापक और सीईओ संजीत जुनेजा ने भी एक बयान जारी कर पारेख के कौशल पर भरोसा जताया। जुनेजा ने कहा, “सोहम एक अविश्वसनीय रूप से प्रतिभाशाली इंजीनियर हैं और हमें उनकी क्षमताओं पर विश्वास है।”

सोहम पारेख ने क्या कहा?

इससे पहले आरोपों और विवादों के बीच सोहम पारेख ने 3 जून को अपने एक्स अकाउंट पर कहा, “मुझे लगभग हर उस व्यक्ति ने अलग-थलग कर दिया है, जिसे मैं जानता हूं और जिस भी कंपनी में मैंने काम किया है, उसने मुझे बाहर कर दिया है। लेकिन, इंजीनियरिंग ही एकमात्र ऐसी चीज है जिसे मैं वास्तव में जानता हूं और यही वह काम है जिसे मैं करता रहूंगा।”

सोहम ने कहां से की पढ़ाई

सोहम पारेख के CV के मुताबिक, वो  मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट है और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर डिग्री हासिल की है। हालांकि, मूनलाइटिंग में फंसे पारेख के ये दावे भी अब जांच का विषय बन चुके हैं। 

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