Rajat Sharma’s Blog | दिल्ली में सिर्फ उन वाहनों को सीज़ करें जिनसे प्रदूषण होता हो


Rajat sharma, INDIA TV
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इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

दिल्ली में जो लोग अपनी पुरानी गाड़ियों को लेकर परेशान हैं,  उनको राहत मिलने की उम्मीद बंधी है। दिल्ली सरकार ने CAQM (Commission for Air Quality Management) को एक पत्र लिख कर कहा है कि 10 से 15 साल  पुरानी गाडियों को पेट्रोल पम्प में ईंधन न देने और उन्हें जब्त किए जाने के फैसले पर फिलहाल रोक लगाई जाय।

पत्र में लिखा गया है कि पेट्रोल पम्प पर पुरानी गाड़ियों के नम्बरप्लेट को आइडेंटिफाई करने के लिए जो ANPR (automatic number plate recognition) कैमरे लगाए गए हैं, उनमें कई खामियां हैं। इसलिए पुरानी गाड़ियों को जब्त करने के फैसले पर फिलहाल रोक लगाई जाय। दिल्ली में इस समय 62 लाख ऐसे two-wheeler और four-wheeler वाहन हैं, जो दस या पन्द्रह साल पुराने हैं। कोर्ट का आदेश है कि उन्हें जब्त किया जाए और फिर scrap कर दिया जाए, उन्हें ईंधन न दिया जाए।

दिल्ली में बड़ी संख्या में ऐसे वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनके पास पुरानी गाड़ी है और वो महीने में केवल एक या दो दिन इसका इस्तेमाल करते हैं। ऐसे सब लोग परेशान हैं। बहुत सारे लोगों ने फोन पर मुझे मैसेज, ई-मेल भेजे। एक-दो केस ऐसे मिले जिसमें किसी ने कहा कि मेरी मर्सीडीज कार 84 लाख रूपए की है, लेकिन दस साल पुरानी है इसलिए scrap होने के डर से मुझे सिर्फ ढाई लाख रु.में बेचनी पड़ी। एक गाड़ी सिर्फ सत्तर हजार किलोमीटर चली है, वो और चल सकती थी लेकिन नए आदेश के तहत इसे भी scrap करना पड़ेगा।

इस समस्या पर मैंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से सवाल किए। रेखा गुप्ता ‘आप की अदालत’ में मेरी मेहमान थीं। रेखा गुप्ता ने कहा कि वह इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि ये दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी परेशानी का सबब है और उनकी सरकार लोगों को इस मुसीबत से बचाने की पूरी कोशिश कर रही है।

रेखा गुप्ता ने कहा कि पुरानी गाड़ियों को जब्त करके scrap करने का फैसला उनकी सरकार का नहीं हैं। इसमें कोर्ट, NGT और CAQM शामिल हैं। लेकिन उन्होंने विश्वास दिलाया कि वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगी कि दिल्ली के लोगों को इस परेशानी से बचाया जाए। रेखा गुप्ता ने कहा कि पिछली सरकारों ने इस मामले में कुछ नहीं किया, सुप्रीम कोर्ट और NGT के सामने जनता का पक्ष ठीक से नहीं रखा, इसीलिए दिल्ली वालों को इस मुसीबत का सामना करना पड़ा।

रेखा गुप्ता ने माना कि ऐसे हजारों केस हैं और लोग इस आदेश से बहुत परेशान हैं। उनका कहना है कि गाड़ियों को स्क्रैप करने की शुरुआत केजरीवाल सरकार ने डेढ़ साल पहले की थी। इसमें ख्वामख्वाह सख्ती बरती गई, लेकिन उनकी सरकार अब ऐसा नहीं होने देगी, लोगों को राहत दिलवाएगी। ‘आप की अदालत’ का ये शो आप शनिवार रात को इंडिया टीवी पर देख सकते हैं।

असल में पुरानी गाडियों को बंद करने का आदेश सबसे पहले 2014 में NGT ने दिया था। उस वक्त दिल्ली के वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए NGT ने आदेश दिया था कि 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को public place में parking space न दिया जाए।

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि दिल्ली से 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को हटाया जाए। इसके बाद मामला टलता रहा। दस साल तक अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्री थे। केजरीवाल की सरकार ने कोई ठोस फैसले नहीं किए। इस साल कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को 1 जुलाई से लागू करने का आदेश दे दिया, पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल डीजल न देने का फरमान सुना दिया। दिल्ली के सभी पेट्रोल पंप्स पर कैमरे लगा दिए गए, पुलिस तैनात हो गई और बुधवार तक 158 गायां जब्त हो चुकी थीं। ये सिलसिला जारी है।

लोगों में दहशत है। इसलिए दिल्ली सरकार ने अब इस फैसले का विरोध किया है। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने चिट्ठी लिखी है। हालांकि इस मामले में NGT और सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, इसलिए इसे सुलझाने में वक्त लगेगा।

लेकिन एक बात समझ में नहीं आई कि केजरीवाल की सरकार ने NGT और कोर्ट में ये तर्क क्यों नहीं रखा कि अगर प्रदूषण कम करना है तो उन गाड़ियों को बंद करो, जो हवा में प्रदूषण फैलाती हैं। फिर प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ी दो साल पुरानी हो या बीस साल, इससे क्या फर्क पड़ता है? अगर कोई गाड़ी फिट है, उसका प्रदूषण स्तर स्वीकार्य सीमा के अंदर है, तो उसे जब्त करके scrap करने के पीछे क्या तुक है? (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 3 जुलाई, 2025 का पूरा एपिसोड

 

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