उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए अच्छी खबर है। सरकार आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को एक नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाकर जोड़ने जा रही है। राज्य मंत्रिमंडल ने बीते गुरुवार को छह लेन का एक ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे बनाने पर 4776 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। इससे उस पूरे इलाके के लोगों के लिए आना-जाना पहले से ज्यादा सुविधाजनक होगा और साथ ही समय की भी बचत होगी। खबर के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि यह एक्सप्रेसवे बलिया को सीधे नई दिल्ली से भी जोड़ेगी, जिससे दोनों स्थानों के बीच की दूरी घटकर 900 किलोमीटर रह जाएगी।
इन जिलों के लोगों को आसान कनेक्टिविटी मिलेगी
खबर के मुताबिक, नए ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 49.96 किलोमीटर होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले नए एक्सप्रेसवे के बनने से लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर को सुगम संपर्क सुविधा मिलेगी। एक अधिकारी ने यह भी बताया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे पश्चिम से पूर्व की ओर अलाइन्ड है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर-दक्षिण दिशा में अलाइन्ड हैं।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को आगरा से जोड़ता है। यह एक्सप्रेसवे 302.22 किलोमीटर लंबा है और इसे उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी UPEIDA द्वारा बनाया गया है। इसका उद्घाटन 21 नवंबर 2016 को हुआ था और यह भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख और महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना है, जो राज्य के पूर्वी हिस्से को राजधानी लखनऊ से जोड़ता है। इस एक्सप्रेसवे ने पूर्वी यूपी और आस-पास के इलाके के लोगों के लिए काफी सहूलियतें पैदा कीं। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 नवंबर 2021 को किया था।
बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन का फैसला
यूपी कैबिनेट ने बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र (योजना की तैयारी और अंतिम रूप) विनियम 2025 पर काम करने को मंजूरी दे दी है। ये नियम भवनों के निर्माण के डिजाइन और आकार को विनियमित करेंगे, सुरक्षित निर्माण सुनिश्चित करेंगे, अनियोजित विकास को रोकेंगे, पर्यावरण पर निर्माण के प्रतिकूल प्रभाव की जांच करेंगे, जनसंख्या घनत्व के मुताबिक, चौड़ी सड़कें और पार्किंग सुनिश्चित करेंगे।