डोनाल्ड ट्रंप ने छठी बार व्लादिमीर पुतिन से की बात, शायद अभी नहीं थमेगी यूक्रेन संग जंग


Putin told Trump that Russia will not step back from Ukraine war goals in hour long call Kremlin
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डोनाल्ड ट्रंप ने छठी बार व्लादिमीर पुतिन से की बात

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की। इस दौरान पुतिन ने रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा कि वह बातचीत के जरिए इस युद्ध का अंत चाहता है लेकिन अपने मुख्य लक्ष्यों से रूस पीछे नहीं हटने वाला है। बातचीत में ट्रंप ने यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई को शीघ्र समाप्त करने का मुद्दा फिर से उठाया। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच बीते तीन साल से ज्यादा समय से जंग जारी है। बीते कुछ महीनों में डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार मध्यस्थता और सीजफायर करवाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें अबतक इसमें कामयाबी नहीं मिल सकी है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद छठी बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की है। बता दें कि क्रेमलिन में एक सहयोगी ने डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुति के बीच हुई बातचीत की जानकारी साझा की है।

रूस का उद्देश्य

क्रेमलिन के प्रवक्ता यूरी उशाकोव ने इस बारे में बात करते हुए मीडिया को बताया कि इस पूरे बातचीत के दौरान ट्रंप ने युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करने की बात कही है। वहीं पुतिन ने कहा कि रूस बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन यह जंग के मूल कारणों को दूर करने पर केंद्रित है। बता दें कि यहां मूल का रण से रूस का मतलब है कि रूस को यूक्रेन के साथ जंग के लिए इसीलिए उतरना पड़ा ताकि यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोका जा सके और पश्चिमी देशों का यह गठबंधन रूस पर हमला करने के लिए यूक्रेन को लॉन्च पैड के रूप में इस्तेमाल न कर सकें। वही इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की से भी फोन पर बात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल ही में यू्क्रेन को आर्टिलरी राउंड और एयर डिफेंस की सप्लाई को रोकने के फैसले को लेकर बातचीत हुई।

ईरान पर भी हुई बात

ईरान के आसपास की स्थिति पर चर्चा करते हुए पुतिन ने राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से सभी मुद्दों को हल करने की आवश्यकता पर जोर दिया, उनके विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा, ’22 जून को संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान में तीन स्थलों पर हमला किया, जिससे वह तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के उद्देश्य से इजरायल के युद्ध में शामिल हो गया।’

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