
‘आप की अदालत’ में रेखा गुप्ता
Aap ki Adalat: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से ‘आप की अदालत’ में जब अरविंद केजरीवाल के इस बयान के बारे में पूछा गया कि उन्होंने कहा है कि अगर 40 लाख झुग्गीवासी सड़कों पर उतर आए तो रेखा गुप्ता को ‘नानी याद आ जाएगी’। रेखा गुप्ता ने कहा- मुझे नानी तो याद आ ही रही है। केजरीवाल साहब दिल्ली को इस तरह से उलझाकर गए हैं कि किसी तरह से इसका विकास नहीं हो सके।
रेखा गुप्ता ने केजरीवाल पर लगाए ये आरोप
रजत शर्मा के शो में सवालों का जवाब देते हुए रेखा गुप्ता ने कहा कि जब तक केजरीवाल दिल्ली की सत्ता में रहे उन्होंने न तो पॉल्यूशन पर काम किया, ना कूड़े के पहाड़ हटाने पर काम किया और ही दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्टर पर काम किया। उन्होंने केवल दिल्ली के लोगों को फ्रीबीज दिखाई। फ्री पानी बिजली की बात करते रहे। एक फ्लाईओवर, एक नया इंफ्रास्ट्रक्चर, एक भी विकास का काम उनके द्वारा कभी दिल्ली में किया नहीं गया।
केजरीवाल ने सबकुछ उलझाकर छोड़ दिया
आज जब मैं देखती हूं तो पाती हूं कि उन्होंने चीजों को उलझाकर छोड़ दिया। आप कहिए ना उस व्यक्ति को कि आज जो मकान दिया जा रहा है, वह उससे बेहतर सुविधा आपको क्या मिल सकेगी? आप चाहते हैं कि गरीब वहीं बसा रहे, उसके जीवन में कभी उजाला आए ही ना और इसीलिए आप उसको भड़काना चाहते तो दिल्ली की जनता इतनी बेवकूफ नहीं है कि आपके बहकावे में आ जाए। झुग्गी में भी समझदार लोग रहते हैं। उन्हें मालूम है कि उन्हें क्या करना है और किसके साथ रहना है। केजरीवाल साहब आप ऐसी कोशिश मत कीजिए। और अगर करना है तो करके देख लीजिए कि 40 लाख लोग आपके लिए आते हैं या फिर उनको सुविधा देने वाली सरकार के साथ आते हैं।
केजरीवाल ने पर्सनल यूज के लिए घर बनवाया
उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने कई वादे किए थे लेकिन उसका उल्टा काम किया। रेखा गुप्ता ने कहा- “वो व्यक्ति जो रामलीला ग्राउंड के आंदोलन से निकला। मैं कुर्सी नहीं लूंगा। मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। मैं गाड़ी नहीं लूंगा, मैं बंगला नहीं लूंगा और उसके बाद में वो 80 करोड़ जनता के खून पसीने की कमाई के पैसे से अपने पर्सनल यूज के लिए एक घर बनवाते हैं जहां पर करोड़ों रुपए के परदे होते हैं। करोड़ों रुपए का बाकी सामान होता है, out of way जाकर आप करते हैं और जनता जब उन पर प्रश्न करती है तो दरवाजे बंद कर लेते हैं। कोई एक जन अंदर नहीं जा पाता था। वो उनके पर्सनल यूज़ की चीज थी। पर आज दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाते जो कुछ भी मेरे पास सुविधा है वह दिल्ली की जनता की है। आज यदि मुझे चार महीने मुख्यमंत्री बने हुए हैं तो मेरे पास यदि जगह नहीं है तो मैं अपनी गली में टेबल चेयर लगाकर बैठती हूं और हजारों लोगों से रोजाना मिलती हूं।