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महाराष्ट्र में भाषा विवाद ने 20 साल ठाकरे परिवार को एक मंच पर ला खड़ा कर दिया। मंच पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का मिलन मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा है। मंच पर दोनों भाइयों का परिवार भी एक साथ नजर आया।
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मंच पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के मिलने की तस्वीरें बहुत कुछ बिना कुछ कहे ही बयां कर रही हैं। अरसे समय बाद दोनों भाई एक साथ आए और हाथ उठाकर लोगों का भी अभिवादन किया।
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ठाकरे बंधुओं के मिलने के अलावा जिन तस्वीरों ने सबको अपनी तरफ आकर्षित किया वो है राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे। दोनों भाइयों ने भी बड़े ही गर्मजोशी से एक-दूसरे से मुलाकात की और समर्थकों का अभिवादन किया।
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दोनों चचेरे भाईयों ने मराठी पहचान और हिंदी भाषा थोपने के खिलाफ दो दशक के बाद पहली बार शनिवार को राजनीतिक मंच एक साथ नजर आए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह और राज ठाकरे एकजुट रहने के लिए साथ आए हैं।
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रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने चुटकी ली और कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोनों चचेरे भाइयों को एक साथ लाकर वह काम कर दिया है जो शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और अन्य लोग नहीं कर सके।
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शिवसेना (UBT) और मनसे के कई कार्यकर्ता दोनों भाइयों के फेस वाले कटआउट लेकर रैली में पहुंचे थे। कार्यकर्ता हाथों में झंडे लेकर नारे लगाते दिखे।
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मंच पर दोनों भाइयों का मिलन देखकर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे। तस्वीरें देखकर हर कोई कह रहा है कि लगता है कि भाइयों के बीच मनमुटाव खत्म हो गया है।
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मंच पर राज ठाकरे से उद्धव ठाकरे बातचीत करते भी दिखे। रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा बालासाहेब ठाकरे ने अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई की थी, अंग्रेजी अखबार में काम किया था, लेकिन उन्होंने मराठी की स्थिति से कभी समझौता नहीं किया।
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शिवसेना(UBT) और मनसे की संयुक्त ‘विजय’ रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार)की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और अन्य नेता मौजूद रहे, लेकिन केवल राज और उद्धव ही मंच पर मौजूद रहे और जनसभा को संबोधित किया।
