VIDEO: “महाराष्ट्र को छूने की कोशिश की, फिर देखो क्या होता है”, मुंबई रैली में राज ठाकरे की चेतावनी


मुंबई रैली में राज ठाकरे की चेतावनी
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मुंबई रैली में राज ठाकरे की चेतावनी

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे शनिवार को अपने चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ सार्वजनिक मंच पर एक बार फिर से मिले और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह ऐला करने में कामयाब रहे जो उनके चाचा और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे भी “नहीं कर सके”। प्राथमिक विद्यालयों में तीन-भाषा नीति को वापस लेने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले का जश्न मनाने के लिए मुंबई में आयोजित “विशाल विजय समारोह” में राज ठाकरे ने कहा, “मुख्यमंत्री फडणवीस वह करने में कामयाब रहे जो बालासाहेब ठाकरे नहीं कर सके , यानी मुझे और उद्धव को एक साथ लाना।”

राज ठाकरे ने दी चेतावनी

राज ठाकरे ने चेतावनी भरे लहजे में मंच से कहा, “विधान भवन में आपकी सत्ता हो सकती है, लेकिन सड़कों पर हमारी सत्ता है। उन्होंने मराठी में मनसे और शिवसेना (यूबीटी) के हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “महाराष्ट्र सरकार ने मराठी लोगों द्वारा दिखाई गई मजबूत एकता के कारण तीन-भाषा फॉर्मूले पर निर्णय वापस ले लिया। कोई अब महाराष्ट्र को छूने की कोशिश करें और देखें कि क्या होता है।” राज ठाकरे ने कहा कि तीन-भाषा फॉर्मूले पर निर्णय “मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की योजना की पहल थी।

बता दें कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने 16 अप्रैल को एक आदेश जारी किया, जिसमें अंग्रेजी और मराठी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बना दिया गया था। विपक्ष के विरोध के बाद सरकार ने 17 जून को हिंदी को वैकल्पिक भाषा बना दिया।

“हम साथ रहेंगे” बोले उद्धव ठाकरे  

राज ठाकरे के साथ पुनर्मिलन होने के बाद मंच से उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे “साथ आए हैं और साथ रहेंगे और एक बात स्पष्ट है, हमने अपने बीच की दूरी को खत्म कर दिया है।” उन्होंने कहा, “लेकिन मेरे विचार से, हम दोनों साथ आ रहे हैं और यह मंच हमारे भाषणों से अधिक महत्वपूर्ण था। राज ने पहले ही बहुत शानदार भाषण दिया है और मुझे लगता है कि अब मुझे बोलने की कोई आवश्यकता नहीं है।”सेना (यूबीटी) प्रमुख ने सत्तारूढ़ महायुति सरकार की भी आलोचना की और कहा कि वह “सरकार को उन पर हिंदी थोपने नहीं देंगे”।

 





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