
कूड़े के ढेर पर चढ़कर मंदिर में घुसे युवक।
पुरी जगन्नाथ मंदिर में चार युवकों के अनधिकृत रूप से दाखिल होने की खबर से एक बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) ने 12वीं सदी के विश्व प्रसिद्ध मंदिर की सुरक्षा में सेंध लगाकर चार लोगों द्वारा बाहरी दीवार फांदकर भीतर जाने की कोशिश करने के मामले में जांच के लिए बुधवार को समिति गठित की। पुरी जिला कलेक्टर चंचल राणा ने बताया कि एसजेटीए के मुख्य प्रशासक ने मामले की जांच के लिए प्रशासक (सुरक्षा) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है।
दीवार फांदकर मंदिर में क्यों घुसे युवक?
यह फैसला सोशल मीडिया पर चार लोगों द्वारा ‘मेघनाद पचेरी’ (बाहरी चारदीवारी) के पास कूड़े के ढेर पर चढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद किया गया। राणा ने स्वीकार किया कि ‘‘सुरक्षा में चूक हुई है।’’ उन्होंने कहा कि समिति सुरक्षा में चूक की जांच करेगी। कलेक्टर ने कहा, ‘‘सुरक्षा में सेंध लगाकर दीवार फांदने वालों की पहचान की जा रही है और इस घटना में जवाबदेही तय की जाएगी। इसके बाद कार्रवाई भी की जाएगी।’’ राणा ने कहा कि जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है और सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी तथा ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों की पहचान की जाएगी।
घटना मंगलवार की है। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब श्रीमंदिर में चार एंट्री द्वार हैं, तो ये युवक दीवार कूद कर श्रीमंदिर में क्यों घुसे?
वायरल वीडियो में क्या?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि 4 अज्ञात लोगों ने दीवार के पास जमा कूड़े के एक बड़े ढेर को सहारा बनाकर बाहरी दीवार फांदकर मंदिर में अनधिकृत प्रवेश किया। यह घटना मंगलवार को हुई, जबकि वार्षिक रथ यात्रा और नीलाद्रि बिजे अनुष्ठान के दौरान और उसके बाद व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। एक सेवादार बिश्वनाथ खुंटिया ने बताया कि उन्होंने कई लोगों को कूड़े के ढेर पर चढ़कर मंदिर परिसर में दाखिल होते देखा है। खुंटिया ने बताया, ‘‘ मंदिरों में अनधिकृत रूप से दाखिल होने वालों की संख्या चार नहीं, सैकड़ों होगी।’’
आतंकवादियों के निशाने पर पुरी मंदिर?
श्रद्धालुओं ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की और 12वीं शताब्दी के इस मंदिर की सुरक्षा के लिए AI-लैस कैमरों की उपयोगिता पर सवाल उठाए। एक अधिकारी ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद खुफिया एजेंसियों ने ओडिशा पुलिस को पुरी मंदिर के आतंकवादियों के निशाने पर होने की चेतावनी दी है। मंदिर प्रबंध समिति के पूर्व सदस्य और प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने कहा, ‘‘यह हतप्रभ करने वाला है कि रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बावजूद, किसी ने उन्हें दीवार फांदकर परिसर में दाखिल होते नहीं देखा। यह सुरक्षा एजेंसियों की ओर से स्पष्ट चूक का मामला है।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)