
राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और पप्पू यादव।
पटना: बिहार में वोटर लिस्ट की जांच को लेकर सियासी पारा चरम पर है। महागठबंधन ने इस प्रक्रिया के विरोध में आज यानी कि बुधवार को पूरे राज्य में चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। इस आंदोलन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और RJD नेता तेजस्वी यादव ‘दो लड़कों की जोड़ी’ के रूप में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। राहुल गांधी आज सुबह 09:30 बजे पटना के इनकम टैक्स गोलंबर से वीरचंद पटेल पथ और शहीद स्मारक होते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर तक पैदल मार्च करेंगे। वहीं, पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव सचिवालय हॉल्ट पर रेल जाम कर विरोध जताएंगे।
30 सितंबर को प्रकाशित होगी अंतिम वोटर लिस्ट
चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण का आदेश दिया था। आयोग के मुताबिक, राज्य के 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 मतदाताओं में से 8 जुलाई तक 7 करोड़ 69 लाख वोटर्स (97.42%) तक फॉर्म पहुंचाए जा चुके हैं। आयोग की टीमें पहला दौर पूरा कर चुकी हैं और 25 जुलाई तक जांच प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य है। 1 अगस्त को पहली वोटर लिस्ट जारी होगी, जबकि 1 सितंबर तक दस्तावेज जमा करवाने वालों के नाम अंतिम लिस्ट में शामिल होंगे। 30 सितंबर को अंतिम वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी।
महागठबंधन ने पूरी प्रक्रिया को पक्षपातपूर्ण कहा
महागठबंधन ने इस प्रक्रिया को जल्दबाजी और पक्षपातपूर्ण करार दिया है। नेताओं का आरोप है कि वोटर लिस्ट की जांच के नाम पर खास वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है। तेजस्वी यादव ने कहा कि मानसून में बाढ़ और बारिश के कारण वोटर्स तक पहुंचना मुश्किल है, फिर भी 25 दिनों में 8 करोड़ वोटर्स की जांच का लक्ष्य अव्यवहारिक है। उन्होंने वेरिफिकेशन के लिए आधार कार्ड, जॉब कार्ड और मनरेगा कार्ड जैसे दस्तावेजों को शामिल करने की मांग की। विपक्ष ने यह भी सवाल उठाया कि बिहार के 4-5 करोड़ प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए कोई इंतजाम नहीं है।
असदुद्दीन ओवैसी भी चुनाव आयोग के इस कदम का विरोध कर रहे हैं।
चक्का जाम को कई विपक्षी पार्टियों का समर्थन
महागठबंधन ने चुनाव आयोग की इस कवायद को ‘पिछले दरवाजे से NRC’ लागू करने की साजिश बताया। पार्टी ने साथ ही चुनाव आयोग पर NDA के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है। नेताओं ने पारदर्शिता के लिए रोजाना वेरिफिकेशन के आंकड़े वेबसाइट पर डालने की मांग की। चक्का जाम को RJD, कांग्रेस, CPI, CPM, CPI-ML, VIP, पप्पू यादव, और ओवैसी की AIMIM का समर्थन प्राप्त है। जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने भी इस प्रक्रिया का विरोध किया है और इसे ‘वोट बंदी’ करार दिया है।
नियमों के मुताबिक हो रहा काम: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने कहा कि वह नियमों के मुताबिक काम कर रहा है। आयोग ने दावा किया कि 97.42% वोटर्स तक पहुंच चुका है और जो वोटर मृत हो चुके हैं, शिफ्ट हो गए हैं, या पलायन कर चुके हैं, उनकी पहचान की जा रही है। आयोग ने स्थानीय जांच के आधार पर नाम जोड़ने की सुविधा भी दी है। विपक्ष पहले ही इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से मुलाकात कर चुका है, लेकिन जवाब से संतुष्ट नहीं है। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 10 जुलाई को होनी है। इससे पहले महागठबंधन आज सड़कों पर उतरकर सियासी दबाव बनाने की कोशिश में है।
पटना से पूर्णिया तक सियासी हलचल हुई तेज
इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी भी खूब हो रही है। तेजस्वी यादव ने कहा, ‘यह प्रक्रिया गरीबों और कमजोर वर्गों के वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश है।’ वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने जवाब दिया, ‘विपक्ष बेवजह हंगामा कर रहा है। आयोग निष्पक्ष तरीके से काम कर रहा है।’ JDU प्रवक्ता राजीव रंजन ने विपक्ष पर सियासी ड्रामा करने का आरोप लगाया है। पटना से पूर्णिया तक आज सियासी हलचल तेज है। राहुल गांधी की सक्रियता से कांग्रेस अपनी मौजूदगी का सबूत देना चाहती है, जबकि तेजस्वी और पप्पू यादव बिहार में विपक्ष की एकजुटता दिखाने की कोशिश में हैं। दूसरी ओर, NDA ने इसे विपक्ष का सियासी स्टंट करार दिया है। बिहार में चुनाव से पहले सियासी जंग और तेज होने के संकेत मिलने लगे हैं।