
निमिषा प्रिया को यमन में दी जाएगी फांसी
यमन इस वक्त गृहयुद्ध झेल रहा है और हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में है। उस देश में भारत के केरल जिले की नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। निमिषा प्रिया को यमन के नागरिक तलाल महदी की हत्या में दोषी करार दिया गया है और मौत की सजा सुनाई गई है। निमिषा को बचाने की कोशिशें नाकाम साबित होती दिख रही हैं। हूतियों के कब्जे वाले इस देश में इस वक्त फांसी की सजा एक ही तरीके से दी जाती है, वो है दोषी को गोली मार देना। वैसे यमन के कानून में दोषी को पत्थर मार मारकर जान लेना, सरेआम फांसी पर लटकाना और सिर कलम करने जैसी सजा दी जा सकती है।
कौन हैं निमिषा प्रिया
केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा प्रिया 2017 से यमन की जेल में बंद हैं। निमिषा अपनी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2011 में यमन गई थीं। उनके माता-पिता ने मजदूरी करके अपनी बेटी को यमन भेजा, जहां उन्होंने नर्स का काम करना शुरू किया। साल 2015 में उन्होंने यमन की राजधानी सना’आ में एक मेडिकल क्लिनिक खोला, जिसमें तालाल अब्दो महदी ने उनकी मदद की। साल 2014 2014 में आर्थिक तंगी के कारण उनके पति और छोटी बेटी भारत लौट आए थे। उसके बाद यमन में निमिषा की जिंदगी भयावह हो गई।
उसके सहयोगी तालाल अब्दो महदी ने कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के जरिए खुद को निमिषा का पति बताकर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उसने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया, पैसे की उगाही की, और बार-बार धमकियां दीं। इससे तंग आकर 2017 में निमिषा ने तालाल से छुटकारा पाकर यमन से भागने की कोशिश की और उसे बेहोश करने के लिए कथित तौर पर दवा की अधिक मात्रा दे दी जिससे तालाल की मौत हो गई। इसके बाद निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर हत्या का आरोप लगाया गया। साल 2018 में अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुना दी।
यमन में कैसे दी जाती है फांसी की सजा
यमन में फांसी देने का तरीका भयावह और खौफनाक है। इसमें दोषी को जमीन पर, गलीचे पर या कंबल पर लिटा दिया जाता है। इसके बाद जल्लाद एक ऑटोमेटिक राइफल से लेटे हुए गुनहगार की पीठ पर गोलियां मारता है। वह पीठ पर कई राउंड फायर करके सजा को अंजाम देता है। दोषी की पीठ पर यह निशान एक डॉक्टर लगाता है, जो यह बताता है कि इसी जगह पर दिल होता है और जल्लाद इसी वजह से वहीं फायरिंग करता है।
यमन में कैसे दी जाती है मौत की सजा
कंबल में लिपटे हुए दोषी की पीठ पर जब जल्लाद गोलियां चलाता है तो दोषी की पीठ की रीढ़ की हड्डी को बेधते हुए उसके दिल के चिथड़े-चिथड़े कर देती हैं। यमन में कुछ मामलों में दोषी को मौत की सजा के से पहले कोड़े मारने की सजा भी दी जा सकती है। यमन में निजी और सार्वजनिक दोनों तरह से सजा दी जाती है।
किन मामलों में होती है मौत की सजा
यमन में हत्या, बलात्कार या आतंकवाद जैसे हिंसक कृत्य के लिए मौत की सजा।
शरिया कानून के तहत इस्लामी या हुदूद अपराधों जैसे व्यभिचार, यौन अपराध (समलैंगिक गतिविधि), अप्राकृतिक यौनाचार, वेश्यावृत्ति, ईशनिंदा और धर्मत्याग के मामलों में मौत की सजा।
अपहरण, हिंसक डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी, डकैती, किसी की संपत्ति को नष्ट करने में मौत की सजा की संभावना।
कुछ सैन्य अपराध (जैसे कायरता, परित्याग), गलत तरीके से फांसी देने वाली झूठी गवाही, जासूसी और राजद्रोह के लिए भी संभावित मौत की सजा।
मई 2024 में, हूती विद्रोहियों के नेतृत्व वाली अदालत ने सऊदी गठबंधन के साथ सहयोग करने के आरोप में 44 लोगों को मौत की सजा सुनाई थी।
दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन सजा के ऐसे अमानवीय तरीकों को लेकर यमन की आलोचना करते रहे हैं।