मुजफ्फरपुर में पुलिस पर बड़ा आरोप, लूट की शिकायत करने आए शख्स को बेहरमी से पीटा, अब कान पकड़कर मांग रहा माफी


Bihar muzaffarpur police
Image Source : INDIA TV
मुजफ्फरपुर में पुलिस पर क्रूरता का आरोप।

बिहार में मुजफ्फरपुर पुलिस अपने कारनामे को लेकर सुर्खियों में आ गई है। जिले के रामपुर हरि थाना से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां लूट की शिकायत करने गये युवक के साथ ही पुलिस द्वारा थाने में बंद कर के काफी बेरहमी से मारपीट की गई व गाली-गलौज की गई। रामपुर हरि थाने के थानाध्यक्ष सुजीत मिश्रा पर ये आरोप लगा है। आरोप है कि उन्होंने क्लर्क की बंद कमरे में लाठी से पिटाई की, फिर थप्पर से भी पीटा। अब ये मामला मानवाधिकार आयोग के पास भी पहुंच गया है।

क्या है पूरा मामला?

पूरा मामला यह है कि दिनांक 8 जुलाई 2025 को विशाल कुमार नाम के युवक के साथ बैंक में रुपये लेकर जाने के दौरान अपराधियों के द्वारा लूट-पाट की गई थी। पीड़ित विशाल कुमार ने बताया कि अपराधियों द्वारा उससे कुल 2,11,200 (दो लाख ग्यारह हजार दो सौ) रुपये की लूट की गई। इसकी शिकायत दर्ज कराने जब विशाल कुमार रामपुर हरि थाना पहुंचे, तो थानाध्यक्ष सुजीत मिश्रा उनके आवेदन के आलोक में कार्रवाई करने के बजाये उन्हें ही बेरहमी से मारने व पीटने लगे। विशाल को पैर, घुटने, पीठ और हाथ मे चोट के बाद थाना में बंद कर दिया। विशाल के पूरे शरीर पर डंडे के निशान हैं।

एनकाउंटर की धमकी देने का आरोप

पीड़ित विशाल ने बताया कि कॉलेज के दो लाख 11 हजार दो सौ रुपये सेंट्रल बैंक में जमा करने जा रहे थे। इसी दौरान बाइक सवार अपराधियों ने पिस्टल के बल पर रुपये लूट लिए। जब वह इसकी शिकायत करने थाने पहुंचे तो थानाध्यक्ष आग बबूला हो गए। थानाध्यक्ष सुजीत मिश्रा द्वारा उन पर लगातार यह दबाव बनाया जा रहा था कि पीड़ित यह स्वीकार करे कि उसी ने स्वयं पैसे को लुट-पाट करवाया है। थानाध्यक्ष ने कहा कि स्वीकार करो नहीं तो केस में फंसाकर एनकाउंटर कर देंगे। जब युवक ने इसका विरोध किया तो थानाध्यक्ष द्वारा लगातार उसके साथ मारपीट की गई और रात्रि के करीब 10:30 बजे थाने से मारपीट कर भगा दिया गया।

अब तक क्या एक्शन लिया गया?

युवक की गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजनों द्वारा अगले दिन उसे सदर अस्पताल, मुजफ्फरपुर में भर्ती कराया गया। यहां वर्तमान में उसका ईलाज चल रहा है। मामला सामने आने के बाद थानाध्यक्ष बुधवार रात आठ बजे विशाल से मिलने अस्पताल पहुंचे। वे विशाल के सामने कान पकड़कर माफी मांगने लगे। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। मामला संज्ञान में आने के बाद ग्रामीण एसपी राजेश सिंह प्रभाकर ने एएसपी को जांच का आदेश दिया है।

मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला

इस पूरे मामले को लेकर पीड़ित विशाल कुमार द्वारा मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा के माध्यम से राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग परिवाद दर्ज कराया गया है। मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने मामले को मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर कोटि का बताते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर पुलिस रक्षक के जगह भक्षक की भूमिका में ज़्यादा दिखाई पड़ रही है। आये दिन पुलिस द्वारा ऐसी घटनाओं को लगातार अंजाम दिया जाना मानवाधिकार के लिए खतरे का संकेत है। उन्होंने माननीय आयोग से मामले में उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है। (रिपोर्ट: संजीव कुमार)

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