
कतर अल उदैद एयरबेस की सैटेलाइट तस्वीर
दुबई: कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ईरान ने हमला किया था। ईरान के हमले में एक ‘जियोडेसिक डोम’ को नुकसान पहुंचा है, जिसमें अमेरिकी सेना द्वारा सुरक्षित संचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण रखे हुए थे। सामने आईं उपग्रह तस्वीरों से यह संकेत मिलता है। अमेरिकी सेना और कतर ने नुकसान पर टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया है। ईरान ने 23 जून को कतर की राजधानी दोहा के पास स्थित अल उदैद एयरबेस को निशाना बनाया था।
ईरान ने क्यों किया था हमला?
ईरान ने अपने तीन परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी बमबारी के जवाब में यह हमला किया था। ईरानी हमले से बहुत कम क्षति हुई क्योंकि अमेरिका ने हमले से पहले ही अपने विमानों को वहां से हटाकर अमेरिकी सेना की मध्य कमान के मुख्यालय में पहुंचा दिया था। उपग्रह तस्वीरों में हमले से आग लगने के बाद के निशान और ‘जियोडेसिक डोम’ के तबाह होने का पता चलता है। पास की एक इमारत पर भी कुछ नुकसान दिखाई दे रहा है। तस्वीरों में एयरबेस का बाकी हिस्सा अधिक प्रभावित नहीं दिख रहा है।
कतर अल उदैद एयरबेस पर अमेरिकी जवान
ईरान ने क्या कहा था?
बता दें कि, कतर के अल उदैद एयर बेस पर अमेरिकी वायुसेना की 379वीं एयर एक्सपीडिशनरी विंग तैनात है। 25 जून को ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि ईरानी हमले के बाद ‘जियोडेसिक डोम’ तबाह हो गया है। हालांकि, इसके अलावा और कोई नुकसान नहीं हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान के हमले को बेहद कमजोर बताया था और कहा कि हमले में अमेरिका को कोई नुकसान नहीं हुआ। इससे उलट ईरान ने दावा किया कि उनके हमले में एयरबेस को भारी नुकसान हुआ है। ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने तो एयरबेस के पूरी तरह से तबाह होने का दावा किया था।
इजरायल ने कर दिया बड़ा दावा
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, अमेरिकी हमलों के बाद भी ईरान का परामणु मिशन थमा नहीं है, बल्कि वह यूरेनियम संवर्धन के बेहद करीब है। यह दावा इजरायल ने किया है। इजरायल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ईरान अब भी अपने एक परमाणु केंद्र में गहराई में छिपाए गए संवर्धित यूरेनियम के भंडार तक पहुंच सकता है।
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