
सेना के जवान राकेश कुमार पायल की फाइल फोटो
झुंझुनूं: देश की सेवा करते-करते झुंझुनूं जिले के बीएसएफ के एएसआई राकेश कुमार पायल ने अंतिम सांस ली। पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर में तैनात बीएसएफ की 67वीं बटालियन में रेडियो ऑफिसर के पद पर कार्यरत राकेश पायल (48 वर्ष) का शुक्रवार सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया। वे रविवार को छुट्टी लेकर अपने घर चिड़ावा आने वाले थे। शनिवार के लिए ट्रेन की टिकट भी बुक थी और ड्यूटी पर उनका रिलीवर भी आ चुका था।
शुक्रवार सुबह पीटी और नाश्ते के बाद नहाने गए राकेश पायल को अचानक सीने में तेज दर्द उठा। उन्हें तत्काल बगदाह रूरल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां सुबह 9:25 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह पहुंची चिड़ावा
राकेश की पार्थिव देह शनिवार को चिड़ावा पहुंची। ओजटू बाईपास से तिरंगा यात्रा निकालकर विकास नगर स्थित उनके घर तक ले जाया गया। भारत माता की जय, राकेश कुमार अमर रहें जैसे नारों से पूरा शहर गूंज उठा। यात्रा में भाजपा जिला महामंत्री राजेश दहिया, नगर मंडल अध्यक्ष नरेंद्र गिरधर, भाजयुमो नगर अध्यक्ष अशोक शर्मा और गौरव सेनानी संघ के पदाधिकारी मौजूद रहे।
बहन ने दिया सैल्यूट, मां की आंखों से निकले आंसू
जैसे ही राकेश की पार्थिव देह घर पहुंची, घर में कोहराम मच गया। पत्नी वंदना देवी बेसुध हो गईं। वहीं, बहन सुमन ने भाई को सैल्यूट कर नमन किया और ‘राकेश भाई अमर रहें’ के नारे लगाए। मां शरबती देवी की आंखें नम थीं, लेकिन मुंह से निकला – “मैं अपने पोतों की बारात देखने के बाद ही मरूंगी।”
35 साल से चिड़ावा में रह रहा परिवार
राकेश पायल मूल रूप से झुंझुनूं जिले के ढाढोत कलां गांव के रहने वाले थे, लेकिन पिछले 35 वर्षों से उनका परिवार चिड़ावा में रह रहा है। उनके पिता धर्मपाल पायल भी बीएसएफ में हेड कांस्टेबल थे। परिवार में पत्नी वंदना देवी, दो बेटे आशीष व आकाश, तीन बहनें सुमन, कृत और सरोज हैं।
वीर जवान को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
शनिवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ राकेश कुमार पायल का अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
रिपोर्ट- अमित शर्मा, झुंझुनूं