
अहमदाबाद विमान हादसा
मुंबई: एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने अहमदाबाद में 12 जून को हए एयर इंडिया विमान दुर्घटना की निष्पक्ष और तथ्य-आधारित जांच की मांग की है। एसोसिएशन ने दावा किया कि एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच की शैली और दिशा पायलट की गलती की ओर झुकाव का संकेत देती है। विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) ने 12 जून को हुए बोइंग 787-8 विमान हादसे की अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी कर दी है, जिसमें 260 लोग मारे गए थे।
एएआईबी की रिपोर्ट में क्या पाया गया?
एएआईबी की रिपोर्ट में पाया गया है कि एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 के दोनों इंजन की ईंधन आपूर्ति एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गई, जिससे कॉकपिट में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई और विमान उड़ान भरने के लगभग तुरंत बाद ही जमीन पर गिर गया। पंद्रह पृष्ठों की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉकपिट की आवाज रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई देता है कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, हालांकि दूसरे पायलट ने ईंधन बंद करने से इनकार किया।
निष्पक्ष और तथ्य आधारित जांच की मांग
एएलपीए ने एक बयान में कहा, ‘‘जांच की शैली और दिशा पायलट की गलती की ओर झुकाव का संकेत देती है। एएलपीए इंडिया इस धारणा को स्पष्ट रूप से खारिज करता है और निष्पक्ष, तथ्य-आधारित जांच पर जोर देता है।’’ एसोसिएशन ने यह भी मांग की है कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उसके प्रतिनिधियों को जांच प्रक्रिया में पर्यवेक्षक बनाया जाए। एएलपीए इंडिया, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन (आईएफएएलपीए) का एक ‘मेंबर एसोसिएट’ है।
पायलटों के समूह ALPA ने अहमदाबाद विमान हादसे की निष्पक्ष जांच की मांग की
स्विच ‘कटऑफ’ स्थिति में कैसे आ गए?
एआईआईबी की रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उड़ान के दौरान स्विच ‘कटऑफ’ स्थिति में कैसे आ गए और न ही दुर्घटना के लिए किसी पर स्पष्ट रूप से दोष तय किया गया है। रिपोर्ट में आवाज की रिकॉर्डिंग में पायलटों की पहचान भी नहीं की गई। लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि विमान में कोई खामी नहीं थी, जिससे केवल अब पायलट की गलती ही एकमात्र संभावित कारण बचता है। विमान का नियंत्रण फर्स्ट आफिसर क्लाइव कुंदर (32) के पास था, जबकि एयर इंडिया में 30 वर्षों का अनुभव रखने वाले वरिष्ठ अधिकारी सुमित सभरवाल, उड़ान की निगरानी करने वाले वरिष्ठ कॉकपिट अधिकारी थे। (इनपुट-भाषा)