बॉलीवुड का वो खतरनाक विलेन, जिसने 50 साल तक फिल्मों में किया काम, रोल देखकर कोसते थे लोग


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इस विलेन को देखकर कोसते थे लोग

इस दिग्गज अभिनेता ने अपनी यात्रा श्वेत-श्याम फ्रेम से शुरू की और कम समय में ही वे सबसे खतरनाक विलेन बन गए। लेकिन, इस खौफनाक चेहरे के पीछे एक दमदार कलाकार छिपा था, जिसने विभिन्न किरदारों में अपने अभिनय से बेजोड़ सम्मान कमाया। वहीं, जब बात बॉलीवुड के सबसे खतरनाक और यादगार खलनायकों की हो, तो इस मशहूर विलेन का नाम सबसे पहले आता है। उन्हें हिंदी सिनेमा का ‘विलेन ऑफ द मिलेनियम’ कहा जाता है। इनकी 12 जुलाई को डेथ एनिवर्सरी है। साल 1940 से 1990 के दशक तक उनकी खलनायकी ने दर्शकों को खूब डराया है, जिसका खौफ आज भी लोगों के बीच देखने को मिलता है।

कौन थे ये मशहूर बॉलीवुड विलेन?

यहां हम बात कर रहे हैं प्राण के नाम से मशहूर स्वर्गीय प्राण कृष्ण सिकंदर अहलूवालिया का नाम की, जिन्हें भारतीय सिनेमा का सबसे खतरनाक खलनायक की उपाधि दी गई और उन्होंने अपने छह दशक लंबे करियर में 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। 1940 से 1990 के दशक तक, उनकी खलनायकी ने दर्शकों को डरा दिया, वहीं उनकी सहायक भूमिकाओं ने भी लोगों का दिल जीत लिया। प्राण अभिनय में इतने डूब जाते थे कि पर्दे पर उनका अभिनय देखकर लोग उन्हें कोसने लगते थे कि यह रोल इतना बुरा क्यों है। प्राण का जन्म 12 फरवरी, 1920 को लाहौर में हुआ था और वे दिल्ली के बल्लीमारान में एक समृद्ध पंजाबी हिंदू परिवार में पले-बढ़े। उनके पिता, केवल कृष्ण सिकंद, एक सिविल इंजीनियर और सरकारी ठेकेदार थे। प्राण ने अपनी शिक्षा मेरठ, देहरादून, कपूरथला और रामपुर जैसे शहरों में की।

प्राण का शानदार करियर

फोटोग्राफी में रुचि रखने वाले प्राण ने लाहौर में एक फोटोग्राफर के रूप में अपना करियर शुरू किया। 1938 में शिमला की रामलीला में ‘सीता’ की भूमिका निभाने के बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा। उनकी पहली पंजाबी फिल्म ‘यमला जट’ थी, जो 1940 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में प्राण ने खलनायक की भूमिका निभाई थी। लेकिन, 1942 में रिलीज हुई फिल्म ‘खानदान’ से वे हिंदी सिनेमा में नायक बन गए। प्राण 1947 में विभाजन के बाद मुंबई आ गए और ‘जिद्दी’ से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई। प्राण ने 1950 और 60 के दशक में उनका जबरदस्त खौफ देखने को मिला है। ‘मधुमती’ (1958), ‘जिस देश में गंगा बहती है’ (1960), ‘राम और श्याम’ (1967) जैसी फिल्मों में उनके दमदार किरदार ने लोगों का दिल जीत लिया। उनकी भारी आवाज और रौबदार अंदाज ने उन्हें मशहूर खलनायक बना दिया।

बॉलीवुड का सबसे महंगा विलेन

प्राण 1969 से 1982 तक बॉलीवुड के सबसे महंगे अभिनेताओं में से एक रहे। उन्होंने 1973 में आई फिल्म ‘जंजीर’ के लिए निर्माता प्रकाश मेहरा को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया, जिसने अमिताभ का करियर चमका दिया। बता दें कि 1997 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और 2000 में स्टारडस्ट का ‘विलेन ऑफ द मिलेनियम’ अवार्ड मिला। 2001 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 2013 में उन्हें भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार उनके घर पर ही प्रदान किया गया। इस महान अभिनेता ने 12 जुलाई 2013 को 93 वर्ष की आयु में मुंबई के लीलावती अस्पताल में इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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