रिटर्न का बादशाह बना चांदी, इस साल Gold, Sensex, निफ्टी सब रह गए पीछे


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Photo:INDIA TV चांदी

आम निवेशकों के बीच सोना और शेयर सबसे पॉपुलर हैं। अधिकांश निवेशक सोना में निवेश करते हैं या शेयर में पैसा लगाते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले ​निवेशक भी SIP के जरिये ​स्टॉक में ही निवेश करते हैं। लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि इस साल अबतक सोना या स्टॉक नहीं बल्कि चांदी ने अपने निवेशकों को रिटर्न दिया है। आपको बता दें कि जनवरी से 11 जुलाई तक सोना ने 27.45%, निफ्टी50 ने 6.37% और बैंक निफ्टी ने 11.59% का रिटर्न दिया हैं। वहीं, इस साल अबतक चांदी ने अपने निवेशकों को सबसे अधिक 29.54% का बंपर रिटर्न दिया है। 

चांदी की कीमत 1.11 लाख के पार निकली 

भारत में चांदी की कीमतें इतिहास में पहली बार ₹1.11 लाख प्रति किलो के पार चली गईं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर शुक्रवार को चांदी ने ₹1,11,750 प्रति किलो का रिकॉर्ड हाई छू लिया। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत शुक्रवार को 700 रुपये बढ़कर 99,370 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। विशेशज्ञों का कहना है कि चांदी की कीमत में आगे भी तेजी जारी रहने की पूरी उम्मीद है। इस साल चांदी की कीमत 1.25 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है। 

क्यों बढ़ रही चांदी की कीमत? 

वाईए वेल्थ ग्लोबल रिसर्च के निदेशक अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि चांदी में बड़ी तेजी की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति है। ट्रंप ने कॉपर आयात पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इतना ही नहीं, ब्राजील पर 50% और BRICS देशों पर 10% अतिरिक्त शुल्क भी लगाया है। कनाडा से आयात पर 35% ड्यूटी का ऐलान किय है। इससे वैश्विक बाजार में अनिश्चितता और चिंता बढ़ी है, जिससे निवेशक सेफ-हैवन (सुरक्षित निवेश) के रूप में चांदी की ओर रुख कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी की कीमतें 37 डॉलर प्रति औंस को पार कर गईं, जो कि पिछले 13 वर्षों का सबसे ऊंचा स्तर है। चांदी में यह उछाल मुख्य रूप से ट्रेडर्स की नई खरीदारी, वैश्विक नीतिगत अनिश्चितता और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग से प्रेरित है।

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