भाषा विवाद के बीच मराठी सीख रहे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, कहा- ‘उद्धव मराठी सिखाना नहीं चाहते, बस राजनीति कर रहे’


Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda
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जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी विवाद के बीच जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मराठी सीखना शुरू कर दिया है। उनको मराठी सिखाने के लिए दो शिक्षक भी नियुक्त किए गए हैं। शंकराचार्य ने बाल भारती की किताब के साथ मराठी सीखने की शुरुआत की है। इस बीच उन्होंने उद्धव ठाकरे के भाषा प्रेम को राजनीति से प्रेरित बताया है। वहीं, एकनाथ शिंदे की तारीफ की है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कुछ समय पहले शिंदे की जमकर आलोचना की थी और कहा था कि उन्होंने उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात किया है।

अब शंकराचार्य ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने गाय को महाराष्ट्र में गौ राज्य माता का दर्जा दिया। इससे उनके पाप कट गए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी मराठी क्लास शुरू हो चुकी है। शिक्षक शिवाजी शेंडगे उन्हें मराठी पढ़ा रहे हैं। अब सवाल-जवाब में पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

सवाल : कावड़ यात्रा में मुस्लिम हिंदू नाम का उपयोग कर दुकान लगा रहे हैं?

जवाब : कोई व्यक्ति अपना नाम छिपाकर दूसरे नाम का उपयोग करता है तो यह समाज के साथ छल है, और उसके ऊपर धोखाधड़ी की कार्रवाई होनी चाहिए।

सवाल : शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी और भारत का स्पेस मिशन?
जवाब :
अच्छी बात है, देश आगे बढ़े, लेकिन आप देखिए जमीन पर कमजोर हो रहे हैं, और बाकी जगह पर मजबूत।

सवाल: अहमदाबाद में हुई घटना पर प्राथमिक रिपोर्ट में पायलट और को पायलट पर सवाल खड़े हो रहे हैं?
जवाब :
अंतरिम रिपोर्ट में जनता के सवालों के जवाब मिलने चाहिए थे ताकि अंतिम रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जाए, लेकिन इस रिपोर्ट में ऐसे सवाल खड़े कर दिए गए हैं कि स्वाभाविक बात है, कि कई कहानियां बनेंगी। यह रिपोर्ट देने वालों को सोचना चाहिए था कि ऐसी रिपोर्ट क्यों दी जाए, जिससे सवाल खड़े हों। अंतरिम रिपोर्ट में लोगों को शांति मिलनी चाहिए, ताकि आगे की जांच के लिए लोग प्रतीक्षा करें।

सवाल : बिहार की राजनीति में कारोबारियों की हत्या, चुनाव का माहौल और अन्य मुद्दों पर ?
जवाब :
अराजकता का माहौल है, या राजा खुद ऐसा करवा रहा है। मुश्किल है, कहना। अचानक ऐसा क्यों हो रहा है। राजनीति है, राजनीति में वातावरण बनाया जाता है।

सवाल : महाराष्ट्र के हिंदी मराठी विवाद पर।
जवाब :
अब हम कुछ नहीं कह रहे हैं, हम तो इस वातावरण का लाभ ले रहे हैं। हमारी भाषा हिंदी है, हमने ठाकरे साहब के बेटे से कहा भी की कोई शिक्षक नियुक्त कर दे हमें मराठी सीखनी है, लेकिन उन्होंने कोई संपर्क नहीं किया। एक विधायक ने हमें दो शिक्षक दिए हैं। कोई भी सिखा दे। आज से शुरू किया है। पहली कक्षा की बाल मित्र किताब से शुरू किया है। 

सवाल : भाषा के नाम पर मारपीट करना कितना सही ?
जवाब :
जबरदस्ती करना कुछ भी सही नहीं। अमृत पिलाना भी नहीं। ऐसा करने से मराठी की छवि खराब हो रही है। ऐसा करने पर मराठी का मतलब हिंसा से जोड़ा जाने लगेगा। 

सवाल : ऐसा कहा जा रहा है महानगरपालिका चुनाव की वजह से माहौल बनाया जा रहा है ? अपने विधानसभा चुनाव के समय कहा था उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना है क्या समय के साथ आपके विचार में कोई बदलाव ?
जवाब :
हमारे विचार से उसके साथ जो हुआ, हमने मीडिया के माध्यम से सुना। उनके पास गए तब उन्होंने भी बताया हमें लगा उनके साथ अन्याय हुआ। जो लगा हमने कह दिया। उसके बाद हमने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे ने विश्वासघात किया जो सनातन धर्म में सही नहीं। जब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे, उन्होंने हमसे संपर्क किया और कहा मुझे अगर कोई गलती हुई है, वैसे तो मैं नहीं मानता कोई गलती हुई, लेकिन हुई है तो सुधारना चाहूंगा। मुझे यह बात अच्छी लगी। गलती सभी से होती है, लेकिन कोई सुधारना चाहे तो अच्छी बात है। हमने उनसे गौ सेवा करने को कहा। ऐसा करने से कई पाप कट जाते हैं। हमने कहा कि आप महाराष्ट्र में गाय को गौ राज्य माता का दर्जा दिए, उन्होंने ऐसा किया। हमने तो मंच पर ही घोषणा कर दी, एकनाथ शिंदे के सभी पाप कट चुके हैं। उद्धव ठाकरे से भी हमने कहा था, आप गाय के लिए कुछ करे और गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए इंडिया गठबंधन में प्रस्ताव रखिए, लेकिन उनका कहना था कि कोई सुनेगा नहीं सुनेगा, मैं नहीं कह सकता। उन्होंने कभी दोबारा संपर्क भी नहीं किया। हमने उद्धव ठाकरे को यह भी मौका दिया कि आप हमें मराठी सिखा दीजिए लेकिन उन्होंने यह लाभ भी नहीं लिया। अगर वे सीखाते तो यह श्रेय जाता। इसका मतलब है, उनकी रुचि मराठी सीखने में नहीं बल्कि मराठी के नाम पर राजनीति करने में है।

सवाल : धर्म परिवर्तन पर और छांगुर बाबा के विषय पर।
जवाब :
कोई किसी के साथ जबरदस्ती धर्म परिवर्तन नहीं कर सकता और फिलहाल यह पूरा मुद्दा राजनीति की वजह से हो रहा है, ताकि पूरे विश्व में उस धर्म का राज हो जाए। इसका विरोध भी राजनीति की वजह से हो रहा है। इसलिए इस पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। 

सवाल :  राज्य सरकार और देवेंद्र फडणवीस के काम पर?
जवाब :
जिस मंत्रिमंडल में गाय को गौ राज्य माता का दर्जा दिया गया उसमें देवेंद्र फडणवीस भी थे, तब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे थे। हम मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे और उनसे कहेंगे कि राज्य माता का दर्जा दे दिया है, अब उसके लिए एक प्रोटोकॉल भी तैयार करें। 

सवाल : नासिक कुंभ पर। 
जवाब :
प्रयाग कुंभ में हुई अच्छाईया और बुराइयों का यहां के अधिकारियों ने अध्ययन कर लिया होगा। इस आधार पर काम करें। हमसे कोई सुझाव मांगा जाएगा तो हम बताएंगे। 

सवाल : राजनीतिक विशेषज्ञ दो लोगों को भविष्य में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मानते हैं योगी आदित्यनाथ और देवेंद्र फडणवीस आपको क्या लगता है ?
जवाब :
हमने तो कुंभ के बाद योगी के लिए कह दिया था, बच गए देवेंद्र फडणवीस अगर उन्हें यह मौका मिलता है, तो हमें उम्मीद है वह अपना दायित्व निभाएंगे।

सवाल : राज और उद्धव भाषा के नाम पर जो कर रहे हैं उस पर क्या कहेंगे।
जवाब
: इस घटना के बाद पूरे देश ने उनको संदेश दे दिया है और शायद उन्होंने इसे समझ भी लिया है। उसके बाद से ऐसे तेवर नहीं दिखाए हैं। देशव्यापी आलोचना होने के बाद उन्होंने इस बात को समझा है।

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