
कांवड़ यात्रा
सावन का महीने शुरू होने के साथ ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो चुकी है और देश के कोने-कोने से कांवड़ लेकर लोग निकल रहे हैं। हर साल श्रावण मास में करोड़ों की तादाद में कांवडिये सुदूर स्थानों से आकर गंगा जल से भरी कांवड़ लेकर पदयात्रा करके अपने गांव वापस लौटते हैं इस यात्राको कांवड़ यात्रा बोला जाता है। इस साल कांवड़ियों की भीड़ सामान्य से ज्यादा है। ऐसे में प्रशासन भी उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए खास इंतजाम कर रहा है। इसी कड़ी में नेशनल हाइवे-34 कांवड़ियों के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश यातायात पुलिस ने कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों की सुरक्षा और कांवड़ यात्रा को सकुशल तरीके से संपन्न कराने के लिए नेशनल हाइवे-34 जिसे पहले नेशनल हाइवे 58 कहा जाता था, उसका एक लेने कांवड़ियों के लिए आरक्षित कर दिया है। गाजियाबाद के आम जनमानस को सुगम यातायात उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यातायात पुलिस ने एनएच-34 पर कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।
कहां से कहां तक आरक्षित है नेशनल हाइवे
गाजियाबाद यातायात पुलिस ने सोमवार (14 मई) से लेकर (23 मई) बुधवार तक एनएच-34 को कादराबाद बॉर्डर (थाना क्षेत्र मोदीनगर) से मेरठ तिराहा (थाना क्षेत्र नंदग्राम) तक कांवड़ियों के लिए आरक्षित कर दिया है। इस रास्ते पर मेरठ से आने वाली लेन को केवल कांवड़ियों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इस लेन में किसी भी प्रकार का वाहन आवागमन नहीं कर सकेगा। गाजियाबाद से मेरठ की ओर जाने वाली लेन में ही दोनों ओर का यातायात आवागमन करेगा। इस प्लान को प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए इस रुट पर अलग से अतिरिक्त यातायात पुलिस बल नियुक्त किया गया है।
ट्रैफिक पुलिस की अपील
यातायात पुलिस ने सभी आमजनों से अनुरोध करते हुए कहा है, कि कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने में पुलिस का सहयोग करें और डायवर्जन प्लान का पालन करें। ट्रैफिक डायवर्जन 14 जुलाई को आदेश जारी होने के साथ ही लागू कर दिया गया है। मोदीनगर कदराबाद से मेरठ तिराहे तक एक लेन पर ट्रैफिक शिफ्ट किया गया है। एक लेन पर केवल कांवड़ यात्री रहेंगे।
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