‘शुभांशु का अनुभव अमूल्य होगा’
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और क्रू की आज वापसी पर, नेहरू तारामंडल की कार्यक्रम प्रबंधक प्रेरणा चंद्रा ने कहा, “पहली बार, तीन देशों के अंतरिक्ष यात्री इस मिशन का हिस्सा हैं, जिनमें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं…उनका अनुभव भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए अमूल्य होगा…चंद्रयान की सफलता के बाद, भारत ने वैश्विक अंतरिक्ष मंच पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। इस तरह के मिशन ना केवल हमारी दृश्यता बढ़ाते हैं, बल्कि भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में प्रस्तुत करते हैं…हम जनता, विशेषकर बच्चों और युवाओं को इस मिशन से जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं। हमने कार्यशालाओं का आयोजन किया है और छात्रों के लिए कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया है। हम शुभांशु शुक्ला को तारामंडल में आमंत्रित करने की भी योजना बना रहे हैं ताकि युवा उनकी यात्रा को सुन सकें और बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित हो सकें। जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है, भारत का लक्ष्य 2040 तक अंतरिक्ष में बड़ी प्रगति करना है, जिसके तहत गगनयान, शुक्रयान और अन्य मिशन पाइपलाइन में हैं।”