कांवड़ यात्रा पर दिग्विजय सिंह ने खड़े किए सवाल, नमाज की फोटो भी शेयर की, भाजपा नेता ने बता दिया मौलाना


Digvijay Singh raised questions about Kanwar Yatra BJP leader called him a Maulana
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कांवड़ यात्रा को लेकर दिग्विजय सिंह ने खड़े किए सवाल

सावन के महीने की शुरुआत के साथ ही देशभर में कांवड़ यात्रा की जा रही है। कांवड़ यात्रा को लेकर अलग-अलग राज्यों में सरकार द्वारा कई प्रबंध किए गए हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने एक फेसबुक पोस्ट शेयर करते हुए कांवड़ यात्रा को लेकर बयान जारी किया है। दरअसल दिग्विजय सिंह ने कांवड़ यात्रा में सड़क पर कांवड़ से सड़क को घेरने पर सवाल उठाए हैं। दिग्विजय सिंह ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘एक देश, दो कानून।’ बता दें कि दिग्विजय सिंह ने जिस तस्वीर को शेयर किया है, उसमें एक सड़क पर कांवड़ रखी हुई है, जिससे सड़क का एक बड़ा हिस्सा घिरा हुआ है। वहीं दूसरी तस्वीर में नमाज पढ़ते शख्स को पुलिस को लात मारते दिखाया गया है। दिग्विजय सिंह के इस बयान पर अब भाजपा नेता विश्वास सारंग ने पलटवार किया है।

भाजपा के मंत्री ने दिग्विजय सिंह को बताया मौलाना

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने दिग्विजय सिंह को मौलाना बताया है। उन्होंने कहा, मौलाना दिग्विजय सिंह केवल सनातन का विरोध करते हैं। कांवड़ यात्रा जैसे पावन पर्व को विवादास्पद करना चाहते हैं। उनसे कोई अपेक्षा नहीं है। जाकिर नायक का महिमामंडन करने वाले, आतंकवादियों को संरक्षण देने वाले, सेना के ऑपरेशन पर विवाद खड़ा करने वाले, ‘पाकिस्तान परस्ती की बात करने वाले, तुष्टिकरण को आगे बढ़कर राजनीति करने वाले दिग्विजय सिंह से और कुछ अपेक्षा नहीं है। ⁠दिग्विजय सिंह हर समय हिंदू धर्म का, हिंदू धर्मावलंबियों का और हिंदू साधु संतों का और हिंदू त्योहारों का अपमान करते आए हैं। इसलिए उन्हें मौलाना दिग्विजय सिंह कहा जाता है।’

क्या बोले विश्वास सारंग?

विश्वास सारंग ने आगे कहा, ⁠’भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों को आजाद करके, उन्होंने ही सनातन को इस दुनिया में बदनाम करने का काम किया है। मैं दिग्विजय सिंह से कहना चाहता हूं कि हिंदू और सनातन धर्म के किसी भी त्यौहार पर इस तरीके की टिप्पणी होगी तो यह सहन नहीं किया जाएगा। ⁠दिग्विजय सिंह को चाहिए कि वो इसपर माफी मांगे।’ बता दें कि देशभर में इन दिनों कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है। अलग-अलग राज्यों में कांवड़िए नदी का जल लेकर अपने गांव या आसपास के मंदिरों में पहुंच रहे हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं। 





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