
देवेंद्र फडणवीस
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक दिलचस्प वाकया सामने आया जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में उद्धव ठाकरे को महायुति में आने का ऑफर दे दिया। उन्होंने कहा कि उद्धव जी 2029 तक तो हमें वहां (विपक्ष) जाने का कोई स्कोप नहीं है। आपको यहां (सत्ता पक्ष) आ सकते हैं इस पर विचार किया जा सकता है। देवेंद्र फडणवीस की इस बात पर पूरे सदन में ठहाके लगने लगे।
‘आपको इधर आना है तो विचार करेंगे’
दरअसल, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे का कार्यकाल खत्म हो रहा है। अंबादास दानवे शिवसेना यूबीटी गुट से हैं। उनके कार्यकाल पर बोलते समय सभागृह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे से मजाकिया अंदाज में कहा कि उद्धव जी 2029 तक तो वहां ( विपक्ष) आने का अपना स्कोप बचा नहीं, हां, आपको यहां आना है तो सोचा जा सकता है। हां, लेकिन उसका विचार भी अलग ढंग से करना होगा।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बयान भले ही लाईट टोन में दिया हो लेकिन जहां एक ओर स्थानीय निकाय के चुनाव में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ आने की चर्चा शुरू हो चुकी है वहीं मुख्यमंन्त्री के इस बयान के कई मायने भी निकाले जा रहे हैं। सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना से बीजेपी की छवि लगातार धूमिल होती रही है। इस पर मुख्यमंत्री फडणवीस भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। ऐसे में विधानपरिषद में देवेंद्र फडणवीस के इस बयान को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि यह बयान शिवसेना शिंदे के लिए भी एक चेतावनी है।
शिंदे के बगावत से टूटी थी शिवसेना
बता दें कि 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायकों ने बगावत कर दी थी जिसके चलते तत्कालीन महाअघाड़ी के सीएम उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। बीजेपी के समर्थन से एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में नई सरकार बनी थी। देवेंद्र फडणवीस उस सरकार में डिप्टी सीएम थे। 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना और बीजेपी गठबंधन को भारी बहुमत मिला। चूंकि बीजेपी की सीटें शिवसेना से ज्यादा थीं इसलिए मुख्यमंत्री का पद बीजेपी के पास चला गया। देवेंद्र फडणवीस सीएम बन गए और एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम का पद मिला। हालांकि इस सरकार के दौरान शिवसेना शिंदे के विधायकों की कुछ ऐसी हरकतें सामने आईं जिसके चलते सरकार की किरकिरी हुई। सीएम फडणवीस ने भी साफ तौर पर चेतावनी दी कि लोग मर्यादा में रहकर काम करें अनुशासन बनाए रखें।