
मंगलुरु के ठग की आलीशान लाइफस्टाइल।
कर्नाटक की मंगलुरु सिटी पुलिस ने एक ऐसे ठग को अरेस्ट किया है जिस पर अमीर लोगों को करोड़ों का चूना लगाने का आरोप है। जब पुलिस गुरुवार आधी रात को जेपीनामोगारू इलाके में रोहन सलदान्हा के घर पहुंची तो ठग के आलीशान मकान को देखकर पुलिस भी दंग रह गई। घर के अंदर कई सीक्रेट कमरे थे और ये ठग लूट के पैसों से ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा था। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने बड़े पैमाने पर फर्जी लोन और जमीन के सौदों के जरिए धनी व्यापारियों से करोड़ों रुपये की ठगी की। पुलिस कमिश्नर सुधीर कुमार रेड्डी और सहायक पुलिस आयुक्त रवीश नायक के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने रोहन को अरेस्ट किया।
महाठग का आलीशान बंगला।
कैसे करता था ठगी?
शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी रोहन ने अमीर लोगों को अपने झांसे में लिया। वह उनको 500 करोड़ रुपये तक के बिजनेस लोन और आकर्षक रियल एस्टेट निवेश का लालच देता था। पीड़ितों से 50 लाख रुपये से लेकर 4 करोड़ रुपये तक की अग्रिम राशि का भुगतान करने को कहता था जो कथित तौर पर प्रोसेसिंग फीस और कानूनी मंजूरियों के लिए था। भुगतान हो जाने के बाद, जैसे ही पैसे मिलते वो वहां से गायब हो जाता था। उसके एक बैंक खाते में कथित तौर पर केवल तीन महीनों में 40 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन दर्ज किए गए, जिससे पता चलता है कि धोखाधड़ी का वास्तविक पैमाना कहीं अधिक बड़ा हो सकता है।
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दीवारों-अलमारियों के पीछे मिले सीक्रेट चेम्बर्स
रेड के दौरान पता चला कि रोहन ने अपने घर में काली कमाई को छिपाने के तमाम इंतजाम किए थे। पुलिस को वहां से 3-5 लाख रुपये मूल्य के दुर्लभ सजावटी पौधे, पुरानी शैंपेन, विदेशी शराब का भंडार और दीवारों-अलमारियों के पीछे छिपे हुए सीक्रेट चेम्बर्स मिले। HD कैमरों से इन पर नजर रखी जाती थी।
लोगों से बचने के लिए अपनाता था ये तरीका
रोहन लेनदारों से बचने के लिए सीक्रेट एक्जिट डोर का इस्तेमाल करता था। जांचकर्ताओं को उसके बेडरूम की दीवारों में लगे दरवाजे मिले जो भूमिगत गलियारों और छिपी हुई सीढ़ियों की ओर खुलते थे, जिससे वह बिना किसी की नजर पड़े निकल जाता था। इन सुविधाओं के जरिए वह अपने निगरानी कक्ष से आने-जाने वालों पर नजर रख सकता था और जरूरत पड़ने पर संपर्क से बच सकता था।
मंगलुरु का महाठग
संपत्ति का दिखावा करके कई लोगों को दिया धोखा
माना जाता है कि आरोपी ने भारत भर में कई लोगों को अपनी संपत्ति का दिखावा करके और 600 करोड़ रुपये तक के ऋण स्वीकृत करने वाले वित्तीय संस्थानों से संबंध होने का दावा करके धोखा दिया है। वह अक्सर अपनी ताकत और पहुंच का प्रदर्शन करके संभावित पीड़ितों को प्रभावित करता था और भुगतान हो जाने के बाद उनसे सम्पर्क काट लेता था।
पीड़ितों से आगे आने की अपील
पुलिस ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि उसने इस धंधे को कैसे फाइनेंस किया और संचालित किया। वे मनी लॉन्ड्रिंग सहित बड़े वित्तीय अपराधों से उसके संभावित संबंधों की भी जांच कर रहे हैं। एक FIR दर्ज की गई है और अधिकारियों ने अन्य संभावित पीड़ितों से आगे आने की अपील की है।
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