
भारत बनाम इंग्लैंड
IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में उपयोग की जा रही ड्यूक्स गेंद की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। गेंद के जल्दी घिसने और बार-बार बदले जाने को लेकर उठे विवाद के बाद अब इसे बनाने वाली कंपनी ने मामले की गहन जांच करने का फैसला लिया है। ड्यूक्स गेंद का निर्माण करने वाली ब्रिटिश क्रिकेट बॉल्स लिमिटेड के मालिक दिलीप जाजोदिया ने बीबीसी स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा कि वे इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) द्वारा लौटाई जा रही सभी इस्तेमाल की गई गेंदों की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि हम इन गेंदों को निरीक्षण के लिए वापस ले जाएंगे, निर्माण टीम से चर्चा करेंगे और यदि जरूरत पड़ी तो बदलाव भी करेंगे।”
30 ओवर के भीतर हो रही खराब गेंद
इस सीरीज में अब तक कई बार मैदान पर अंपायरों को गेंद बदलनी पड़ी है क्योंकि गेंदें लगभग 30 ओवर के भीतर ही अपनी चमक और प्रभाव खो रही थीं। इससे न सिर्फ खिलाड़ियों को दिक्कत हुई बल्कि मैच की गति भी प्रभावित हुई। शुभमन गिल और इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने गेंद की गुणवत्ता पर खुलकर नाराजगी जताई थी।
टेस्ट क्रिकेट में अलग-अलग देशों में अलग-अलग गेंदों का इस्तेमाल होता है। इंग्लैंड में ड्यूक्स, भारत में एसजी और ऑस्ट्रेलिया में कूकाबूरा गेंद का उपयोग किया जाता है। ड्यूक्स गेंद का निर्माण 1760 से हो रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में इसकी गुणवत्ता को लेकर टेस्ट और काउंटी क्रिकेट में आलोचना बढ़ी है।
ECB ने लौटाईं गेंदें
ड्यूक्स को लेकर बढ़ते विवाद के बीच इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने इस हफ्ते के अंत तक सभी उपयोग की गई गेंदों को निर्माता कंपनी को सौंपने का निर्णय लिया है। इससे यह साफ है कि बोर्ड भी गेंद की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है। गौरतलब है कि इंग्लैंड मौजूदा सीरीज में 2-1 से आगे है और अगला मुकाबला 23 जुलाई से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला जाएगा। ऐसे में ड्यूक्स गेंद की समीक्षा से सीरीज के बचे हुए मुकाबलों में भी असर पड़ सकता है।
(PTI Inputs)