
जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा।
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के बीच जगदीप धनखड़ से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। अपने कार्यकाल के दौरान ही इस्तीफा देने वाले वह तीसरे उपराष्ट्रपति बन गए हैं। इससे पहले भी दो उपराष्ट्रपति ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इस्तीफा दे दिया। हालांकि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद एक तरफ जहां विपक्ष की ओर से लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं तो वहीं बीजेपी और सहयोगी दल नए चेहरे को लेकर चर्चाएं कर रहे हैं। इस रेस में भी कई नाम हैं, हालांकि इसपर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। आइये जानते हैं जगदीप धनखड़ से पहले और किस-किस उपराष्ट्रपति ने कार्यकाल के दौरान इस्तीफा दिया है।
वीवी गिरी का उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा
दरअसल, जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने वाले तीसरे व्यक्ति हैं। इससे पहले, वीवी गिरि ने भी उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 3 मई 1969 को तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के निधन के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभाला था। वीवी गिरि ने 2 जुलाई 1969 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा। वह अपना कार्यकाल पूरा न कर पाने वाले पहले उपराष्ट्रपति वीवी गिरी ही थे।
भैरों सिंह शेखावत ने भी दिया था इस्तीफा
इसके अलावा भैरों सिंह शेखावत ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव में हारने के बाद 21 जुलाई 2007 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। भेरों सिंह शेखावत के इस्तीफे के बाद, उपराष्ट्रपति का पद 21 दिनों तक रिक्त रहा, जिसके बाद मोहम्मद हामिद अंसारी इस पद के लिए चुने गए। हालांकि उपराष्ट्रपति आर वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा और केआर नारायणन ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन राष्ट्रपति चुने जाने के बाद। कृष्णकांत एकमात्र उपराष्ट्रपति थे, जिनका पद पर रहते हुए निधन हो गया था। उन्होंने 27 जुलाई 2002 को अंतिम सांस ली थी।
धनखड़ ने राष्ट्रपति को दिया इस्तीफा
बता दें कि 21 जुलाई को मानसून सत्र शुरू हुआ। इसी दिन जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा। उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और डॉक्टर की सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।’