
खेल से दिमागी विकास
बचपन में खेल सिर्फ मनोरंजन का तरीका नहीं होते, बल्कि ये बच्चों के दिमागी विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं। रिसर्च से भी पता चला है कि जो बच्चे रोज़ खेलते हैं, उनकी सोचने, समझने और दूसरों के साथ मिलने-जुलने की क्षमता ज़्यादा अच्छी होती है। खेल बच्चों की सोच, समझदारी, निर्णय लेने और समस्या हल करने की शक्ति को बढ़ाते हैं।
खेल बच्चों के दिमाग को करता है एक्टिव
कॉन्टिनुआ किड्स की सह-संस्थापक, बाल रोग विशेषज्ञ और किशोर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डॉ. हिमानी नरूला खन्ना कहती हैं कि खेल बच्चों के दिमाग में नए-नए कनेक्शन बनाते हैं, जिससे उनका दिमाग एक्टिव रहता है। इससे उनकी रचनात्मकता, तर्कशक्ति और फैसला लेने की ताकत बढ़ती है। जैसे- छुपा-छुपी या लूडो जैसे खेल बच्चों को सोचने, अनुमान लगाने और तुरंत फैसला करने में मदद करते हैं।
कौन से खेल ज्यादा फायदेमंद हैं?
ऐसे खेल जो बच्चों को सोचने और कुछ नया करने के लिए मजबूर करते हैं, वो सबसे ज्यादा फायदेमंद होते हैं। जैसे- पहेलियां, लेगो, याददाश्त के खेल, शतरंज, ड्राइंग और डॉक्टर-डॉक्टर या टीचर-स्टूडेंट जैसे नाटक वाले खेल। वहीं दौड़ना, बैडमिंटन या फुटबॉल जैसे फिजिकल गेम्स बच्चों में अनुशासन, टीमवर्क और फोकस को बढ़ाते हैं।
खेलने से कौन से फायदे मिलते हैं?
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एकाग्रता में सुधार: खेल खेलते वक्त जब बच्चा पूरी तरह से ध्यान देता है, तो उसकी एकाग्रता और याददाश्त दोनों बेहतर होती है। खेल के दौरान की गई गलतियों से जब बच्चा सीखता है और खुद सुधार करता है, तो उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
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मानसिक सेहत का विकास: खेल बच्चों को न सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी मज़बूत बनाते हैं। खासकर टीम वाले खेल बच्चों को मिलकर काम करना, धैर्य रखना, दूसरों की बात समझना और नेतृत्व करना सिखाते हैं। खेल तनाव और चिंता भी कम करते हैं, जिससे बच्चा भावनात्मक रूप से बेहतर महसूस करता है।
माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका?
बच्चों को खेल के लिए प्रेरित करना माता-पिता और शिक्षकों की ज़िम्मेदारी है। हमें यह समझना होगा कि खेल समय की बर्बादी नहीं है, बल्कि सीखने का अच्छा तरीका है। बच्चों को स्क्रीन से दूर रखकर बाहर खुलकर खेलने के मौके देने चाहिए। खेल को प्रतियोगिता नहीं, बल्कि मज़े का जरिया बनाकर देखना चाहिए।
खेल बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास के मजबूत आधार होते हैं। जब बच्चे खेलते हैं, तो वे न सिर्फ खुश होते हैं, बल्कि ज़रूरी जीवन कौशल भी सीखते हैं। इसलिए हमें उन्हें खेलने के पूरे मौके देने चाहिए ताकि उनका भविष्य और भी उज्ज्वल हो सके।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।