जगन मोहन रेड्डी के ‘माफिया’ वाले आरोप पर पवन कल्याण का पलटवार, “ऐसे बयान सुनता हूं तो हंसे बिना नहीं रह पाता”


पवन कल्याण और जगन मोहन रेड्डी
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पवन कल्याण और जगन मोहन रेड्डी

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने YSRCP प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी के राज्य के डीआईजी और एसपी को ‘माफिया’ कहने वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पवन कल्याण ने कहा कि मुझे नहीं पता कि जब भी वह ऐसा कहते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे यह एक ऐसे व्यक्ति की बात हो रही है जिसने कभी तानाशाह की तरह शासन किया था।

पिछले शासनकाल को बताया ‘तानाशाही’

पवन कल्याण ने जगन मोहन रेड्डी के पिछले शासनकाल को ‘तानाशाही’ करार दिया और कहा कि उन्हें लगता है कि जगन मोहन रेड्डी अपनी सरकार के दौरान हुए अत्याचार को आसानी से भूल गए हैं। उन्होंने हंसते हुए कहा, “इसीलिए जब मैं ऐसे बयान सुनता हूं तो मैं हंसे बिना नहीं रह पाता।”

“केवल अब उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे”

उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जो पुलिस अधिकारी अब जेल में सड़ रहे हैं, या जिन्होंने पहले लंबे समय तक जेल में बिताया है, जिनमें पूर्व खुफिया प्रमुख भी शामिल हैं, वे ही थे जिन्होंने माफिया की तरह व्यवस्था चलाई थी। उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार नहीं थी, जिसने ऐसा किया। उन्होंने कहा, “हम तो केवल अब उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं खुद उस व्यवस्था का शिकार था और यहां तक कि चंद्रबाबू नायडू भी एक समय इसके शिकार थे। असल में, विधानसभा में, मैं कह सकता हूं कि लगभग 70 से 80% सदस्य उस शासन के अत्याचार से प्रभावित थे।”

DIGs को लेकर जगनमोहन रेड्डी का आरोप

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और YSRCP अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने राज्य के पुलिस उप महानिरीक्षकों (DIGs) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि राज्य के सभी DIGs अपने-अपने क्षेत्रों में ‘माफिया डॉन’ बन गए हैं और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे व राज्य मंत्री नारा लोकेश के लिए ‘वसूली एजेंट’ के रूप में काम कर रहे हैं।

“50 प्रतिशत शीर्ष पर बैठे बेटे और पिता के पास जाता है”

जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि DIGs अपने अधीन सर्कल इंस्पेक्टरों (CIs) और पुलिस उपाधीक्षकों (DSPs) को नियंत्रित कर रहे हैं और बदले में ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में हो रहे सभी घोटालों के लिए वसूली एजेंट बन गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि शराब, रेत की बिक्री और क्लबों, उद्योगों और खानों से एकत्र किए गए धन का 50 प्रतिशत पुलिस अधिकारियों और स्थानीय विधायकों द्वारा साझा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “शेष 50 प्रतिशत शीर्ष पर बैठे बेटे और पिता के पास जाता है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सभी गांवों में बेल्ट दुकानें (अवैध शराब की दुकानें) पुलिस के आशीर्वाद से चलाई जा रही हैं और शराब एमआरपी से अधिक दाम पर बेची जा रही है।

जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि जहां उनकी पिछली YSRCP सरकार के तहत राज्य रेत से 750 करोड़ रुपये का राजस्व कमा रहा था, वहीं अब TDP के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में ‘मुफ्त रेत’ के नाम पर रेत लूटी जा रही है। उन्होंने दावा किया कि लोग पहले की तुलना में दोगुनी कीमत चुका रहे हैं।

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