
श्रीदेवी।
भारतीय फिल्म इतिहास में श्रीदेवी का नाम ऐसे सितारों में शुमार होता है, जिन्होंने न सिर्फ हिंदी सिनेमा बल्कि तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में भी अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता। अभिनय में बेहतरीन हुनर की वजह से उन्हें भारतीय सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार कहा गया, लेकिन जितनी चर्चा उनकी फिल्मों की हुई, उतनी ही दिलचस्प रही उनकी निजी जिंदगी भी। उनके करियर के दौरान कई सह-कलाकारों से उनके रिश्तों को लेकर बातें होती रहीं, मिथुन चक्रवर्ती, जीतेंद्र और कई अन्य लोगों के नाम इस लिस्ट में शामिल हुए, लेकिन एक रिश्ता ऐसा भी था, जो कभी मुकम्मल नहीं हो सका, फिर भी दशकों तक लोगों के दिलों में बना रहा, वो रिश्ता था रजनीकांत और श्रीदेवी के बीच।
ऑनस्क्रीन जोड़ी से गहरी दोस्ती तक
रजनीकांत और श्रीदेवी ने साथ में 20 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया। चाहे भाषा कोई भी हो, इस जोड़ी की केमिस्ट्री हर बार स्क्रीन पर आग लगा देती थी। इनकी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल किया और पर्दे के पीछे दोनों के बीच गहरी दोस्ती भी पनपने लगी। दोनों के बीच की सहजता और परस्पर सम्मान ऐसा था कि लोग उन्हें असल जिंदगी में भी एक आदर्श जोड़ी मानने लगे। रजनीकांत, जो श्रीदेवी से 13 साल बड़े थे, धीरे-धीरे उनके प्रति आकर्षित होने लगे। दोनों करीब आ गए, लेकिन फिर जो हुआ वो आपको हैरान कर देगा।
अधूरी रह गई प्रेम कहानी
एक पुराना किस्सा, जिसे दिवंगत निर्देशक के. बालाचंदर ने साझा किया था, रजनीकांत की भावनाओं को बयान करता है। उन्होंने बताया कि रजनीकांत श्रीदेवी को प्रपोज करने का मन बना चुके थे और एक बार उनके गृह प्रवेश समारोह में इस प्रस्ताव को रखने वाले थे, लेकिन जैसे ही वे घर पहुंचे, अचानक बिजली चली गई। रजनीकांत ने इसे अपशकुन माना और बिना कुछ कहे वहां से चले गए। इसके बाद रजनीकांत ने 1981 में लता रंगाचारी से शादी कर ली, जबकि श्रीदेवी ने 1996 में प्रसिद्ध निर्माता बोनी कपूर से शादी की।
यहां देखें पोस्ट
जब रजनीकांत बीमार हुए, श्रीदेवी ने रखा उपवास
साल 2011 में जब रजनीकांत को डिहाइड्रेशन और सांस लेने में तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उनकी हालत गंभीर हो गई थी। उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया। इस कठिन समय में श्रीदेवी बेहद चिंतित थीं। उन्होंने शिरडी साईं बाबा की पूजा की और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए सात दिनों तक उपवास रखा। यही नहीं, वह विशेष रूप से पुणे के साईं बाबा मंदिर भी गईं और रजनीकांत की सलामती की दुआ की। उनकी प्रार्थनाएं और देशभर के करोड़ों प्रशंसकों की दुआएं रंग लाईं और रजनीकांत स्वस्थ होकर लौटे।
श्रीदेवी के निधन से रजनीकांत टूट गए थे
24 फरवरी 2018 को श्रीदेवी का अचानक निधन हो गया। दुबई में एक पारिवारिक शादी समारोह में शामिल होने के दौरान बाथटब में डूबने से उनकी मौत हुई। इस दुखद समाचार ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री और देश को झकझोर दिया। रजनीकांत ने सोशल मीडिया पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए लिखा, ‘मैं स्तब्ध और बहुत व्यथित हूं। मैंने एक प्रिय मित्र और इस इंडस्ट्री ने एक सच्ची किंवदंती खो दी है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं। आप हमेशा याद आएंगी, श्रीदेवी।’ वह उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए तुरंत मुंबई पहुंचे और अपने प्रिय मित्र को नम आंखों से अंतिम श्रद्धांजलि दी।