
तेजस्वी यादव और राहुल गांधी।
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर जबरदस्त बवाल जारी है। चुनाव आयोग ने SIR का काम 90% तक पूरा कर लिया है। मतलब साफ है कि बिहार का चुनाव अब इसी नए वोटर लिस्ट पर होना तय है। ऐसे में तेजस्वी यादव ने इसके विरोध में नया शिगूफा छोड़ा है। तेजस्वी ने बिहार विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की धमकी दे रहे हैं। तेजस्वी ने चुनाव आयोग की भूमिका और सरकार के इरादों पर तीखा हमला बोला है। तेजस्वी के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कदमताल कर रहे हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक की कहानी सुनाकर इलेक्शन चोरी का आरोप लगा रहे हैं। इन सबके बीच चुनाव आयोग ने आज राहुल-तेजस्वी के एक-एक आरोपों का जवाब दिया है।
तेजस्वी ने क्या-क्या आरोप लगाए?
- तेजस्वी ने कहा- चुनाव आयोग की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि 52-55 लाख मतदाता अपने पते पर नहीं पाए गए। कुछ को मृत घोषित कर दिया गया, कुछ ने विधानसभा क्षेत्र बदला। हम इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।
- बीएलओ (BLO) अपने स्तर पर ही सब कुछ अपलोड कर रहे हैं और दस्तखत भी खुद ही कर रहे हैं। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रखी गई है। यह केवल दिखावे के लिए किया जा रहा है ताकि सुप्रीम कोर्ट के सामने आंकड़े पेश किए जा सकें।
- यह पूरा काम महज़ औपचारिकता बनकर रह गया है। कई लोगों के पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं, लेकिन इस बारे में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं। इससे लोगों में भ्रम की स्थिति है।
- लोग डर रहे हैं कि अगर उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए, तो उनके राशन और पेंशन जैसी सुविधाएं भी रुक सकती हैं।
- सोर्स आधारित ‘प्लांटेड न्यूज’ चलाई गई कि विदेशी नागरिक वोटर बने हुए हैं। लेकिन चुनाव आयोग ने जो हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दिया है, उसमें कहीं भी ‘विदेशी’ शब्द का उल्लेख नहीं है, और न ही प्रेस नोट में इसका जिक्र था।
- पहले जनता सरकार चुनती थी, अब सरकार जनता (वोटर) चुन रही है और यह चुनाव आयोग के माध्यम से किया जा रहा है।
- चुनाव आयोग 2003 के बाद ऐसा अभियान चला रहा है। इसमें बड़े पैमाने पर नाम हटाने की बात कही गई है तो क्या इस बीच हुए चुनाव फर्जी थे।
तेजस्वी के इन्हीं आरोपों और सवालों पर इलेक्शन कमीशन ने जवाब दिया है।
SIR पर EC का क्या जवाब?
- जवाब नंबर 1- 90% मतदाता पहले ही फॉर्म जमा कर चुके हैं।
- जवाब नंबर 2- कोई वंचित ना रहे ये सुनिश्चित किया जा रहा है।
- जवाब नंबर 3- फर्जी वोटर्स को हटाना हमारी जिम्मेदारी।
- जवाब नंबर 4- दस्तावेजों की सूची सांकेतिक है संपूर्ण नहीं।
- जवाब नंबर 5- कई राजनीतिक दलों की चिंता के बाद SIR सर्वेक्षण।
- जवाब नंबर 6- SIR का उद्देश्य मतदाता सूची की विश्वसनीयता बढ़ाना।
तेजस्वी से EC के सवाल-
सवाल नंबर-1. क्या मृतकों को चुनाव में वोट डालने दें?
सवाल नंबर-2. क्या स्थायी रूप से शिफ्ट हो चुके लोग वोट डालें?
सवाल नंबर-3. क्या फर्जी वोटर, घुसपैठियों को वोटिंग का हक मिले?
सवाल नंबर-4. क्या लोगों को दो-दो जगह वोटिंग का अधिकार मिले?
चुनाव आयोग ने बिहार SIR के आंकड़े किए जारी
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन का काम 99 फीसदी पूरा हो गया है। चुनाव आयोग की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है। 7 करोड़ 21 लाख वोटर्स ने फॉर्म जमा करा दिए हैं। अब तक की समीक्षा में 21 लाख वोटर्स मृत पाए गए वहीं 31 लाख वोटर्स स्थायी तौर पर दूसरे राज्यों में शिफ्ट हो गए हैं। CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया कि मृत लोगों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल नहीं होंगे वहीं दूसरे राज्यों में शिफ्ट किए लोगों के नाम भी वोटर लिस्ट से हटेंगे। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि वोटर लिस्ट रिवीजन का मकसद ही है एक भी योग्य वोटर छूटने न पाए।
राहल गांधी ने क्या आरोप लगाए?
- राहुल गांधी बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर चुनाव आयोग पर जमकर हमला बोल रहे हैं। राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी के पास कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव आयोग द्वारा धोखाधड़ी की अनुमति देने के “ठोस 100 प्रतिशत सबूत” हैं।
- उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर चुनाव आयोग यह सोचता है कि वह इससे बच जाएगा, तो यह उसकी गलतफहमी होगी।
- उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग स्वतंत्र तरीके से काम नहीं कर रहा है।
- भारत में चुनावों में “चोरी” हो रही है और दावा किया कि उनकी पार्टी ने कर्नाटक के एक लोकसभा क्षेत्र का अध्ययन करके “वोट चोरी” के तरीके का पता लगा लिया है।
- महाराष्ट्र में इन्होंने चीटिंग की। हमने चुनाव आयोग से सवाल पूछे कि वोटर लिस्ट दिखाइए, इन्होंने मतदाता सूची नहीं दिखाई। हमने कहा, वीडियोग्राफी दिखा दीजिए लेकिन इन्होंने वीडियोग्राफी का कानून ही बदल दिया।
- अब ये बिहार का पूरा का पूरा सिस्टम नए तरीके से करेंगे। वोटर डिलीट करेंगे और नए तरीके से तैयार करेंगे।
राहुल के बयान पर चुनाव आयोग का सीधा जवाब
राहुल के इन्हीं आरोपों पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया है। आयोग ने साफ कह दिया कि अगर आपको गलत लगता है तो जैसा आपने बताया कि हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। अगर याचिका दायर की गई है तो फैसला भी आएगा, उसका इंतजार करना चाहिए। और कोई याचिका दायर नहीं की गई है तो फिर इस तरह के आरोप लगाने का मतलब क्या है? एक तरह से चुनाव आयोग ने पूरे मामले को कोर्ट पर छोड़ दिया।
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन पर क्यों मचा है बवाल?
बता दें कि आरजेडी शुरू से ही बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन का विरोध कर रही है। RJD इस दौरान फर्जीवाड़े का आरोप लगा रही है। पार्टी का कहना है कि पूरी प्रक्रिया जल्दीबाजी में की जा रही है जिससे लाखों गरीबों का नाम वोटर लिस्ट से कट जाएगा। अब चुनाव आयोग का आंकड़ा आ चुका है, जिसके मुताबिक वोटर लिस्ट रिवीजन में करीब 55 लाख वोटरों के नाम कट सकते हैं। इसके बाद तेजस्वी यादव ने अपना रुख कड़ा कर लिया है और अब वो चुनाव के बहिष्कार की बात कर रहे हैं। वहीं JDU प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार की जनता ने आरजेडी का बहिष्कार कर दिया था। उसे 4 सीटें दी थीं। RJD को बिहार की राजनीति से बेदखल होने की आशंका है। इसलिए तेजस्वी हताशा और निराशा में ऐसी बातें कर रहे हैं।
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