
हर्षवर्धन जैन की फर्जी दूतावास की गाड़ी
गाजियाबाद फर्जी दूतावास मामला में यूपी एसटीएफ की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपी हर्षवर्धन जैन से पूछताछ और दस्तावेज़ों की जांच में हाई-प्रोफाइल इंटरनेशनल रैकेट का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि हर्षवर्धन जैन की मुलाकात कुख्यात चंद्रास्वामी ने दुबई के आर्म्स डीलर अदनान खगोशी और हैदराबाद के एहसान अली सैयद से कराई गई थी। एहसान अली ने तुर्की की नागरिकता ले रखी है और स्विट्जरलैंड-बहरीन बेस्ड कंपनी WESTERN ADVISORY GROUP के माध्यम से भारी दलाली और लोन फ्रॉड किया।
विदेशों में हर्षवर्धन की कंपनियां
UK में स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड, ईस्ट इंडिया कंपनी यूके लिमिटेड, UAE में आइलैंड जनरल ट्रेडिंग कंपनी एलएलसी, मारिशस में इंदिरा ओवरसीज लिमिटेड और कैमरून (अफ्रीका) में कैमरून इस्पात सार्ल के नाम से कंपनियां रजिस्टर्ड कराई थी।
बैंक खातों का जाल
- दुबई में – 06 खाते
- मारिशस में – 01 खाता
- यूके में – 03 खाते
- भारत में – 01 खाता
जांच में कुछ बड़े नाम आने की संभावना
2008 से 2011 के बीच एहसान की कंपनी ने 70 मिलियन पाउंड के लोन दिलाने के नाम पर 25 मिलियन पाउंड की दलाली वसूली और फरार हो गया। 22-11-2022 को लंदन पुलिस ने उसे स्विट्जरलैंड सरकार के अनुरोध पर गिरफ्तार किया। जुलाई 2023 में वेस्टमिनिस्टर कोर्ट, लंदन ने उसे स्विस सरकार को प्रत्यर्पण की अनुमति दी। ज्यूरिच कोर्ट ने 6.5 साल की सजा सुनाई है। हर्षवर्धन जैन के पास दो पैन कार्ड भी मिले हैं, जिनके ज़रिये देश-विदेश में बैंक खाते खोले गए। उनकी भी गहराई से जांच जारी है। पुलिस की जांच में और भी बड़े नामों के सामने आने की संभावना है।
फ्राड कर फरार हो गया एहसान अली सैयद
एसटीएफ ने बताया कि जांच में सामने आया है कि एहसान अली सैयद हैदराबाद का निवासी है। इसने Turkish नागरिकता ले ली है। चंद्रास्वामी ने हर्ष वर्धन जैन को इसी के पास लंदन भेजा था। हर्ष वर्धन ने इसके साथ मिलकर लंदन में कई शेल कंपनीज बनाई। इसी मोडस ऑपरेंडी पर बड़ी दलाली की है। एहसान की कंपनी वेस्टर्न एडवाइजरी ग्रुप जो स्विट्जरलैंड और बहरीन बेस्ड थी इसने स्विस बेस्ड कई कम्पनियों को 2008 से 2011 के बीच लगभग 70 मिलियन पाउंड लोन दिलाने के नाम पर लगभग 25 मिलियन पाउंड की दलाली ली और वंहा से भाग गया।