
जस्टिस यशवंत वर्मा
भारत के केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि जस्टिस वर्मा को हटाने की कार्यवाही लोकसभा में ही शुरू होगी। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी संदेह में नहीं रहना चाहिए। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने की कार्यवाही लोकसभा में शुरू होगी। 21 जुलाई को मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग नोटिस पीठासीन अधिकारियों को सौंपे गए थे। राज्यसभा में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसकी जानकारी भी दी थी। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया राज्यसभा से शुरू हो सकती है। हालांकि, अब संसदीय कार्य मंत्री ने गलतफहमी दूर कर दी है।
जस्टिस यशवंत वर्मा के कब्जे वाले स्टोर रूम में भारी मात्रा में नोट के बंडल मिले थे। अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि ये नोट किसके थे और कहां से आए थे, लेकिन इस मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जा रहा है। आगे की जांच में कैश को लेकर खुलासा हो सकता है।
जस्टिस वर्मा के खिलाफ क्या-क्या हुआ?
14 मार्च को जस्टिस वर्मा के घर आग लगी थी। आग बुझाने गए दमकल कर्मियों को मौके पर जले हुए नोट मिले। इस समय जस्टिस वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट के जज थे। 22 मार्च को सीजेआई खन्ना ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई, जिसने चार मई को अपनी रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया। आठ मई को सीजेआई खन्ना ने सरकार से जस्टिस वर्मा को हटाने की सिफारिश की। अब उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव सदन में आ चुका है।
अब क्या होगा?
लोकसभा के 152 और राज्यसभा के 63 सांसदों ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। यह प्रस्ताव सभी राजनीतिक दलों के सांसद मिलकर लाए हैं। अब जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त समिति बनेगी। यह समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। यह रिपोर्ट सदन में पेश होगी। दोनों सदन चर्चा करेंगे और अंत में जस्टिस वर्मा को हटाने के प्रस्ताव पर मतदान होगा।
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