
स्मृति ईरानी।
भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इंडिया टीवी के लोकप्रिय शो ‘आप की अदालत’ में शिरकत की, जहां उन्होंने टीवी की दुनिया से राजनीति तक के अपने शानदार सफर को लेकर बात की। इस दौरान स्मृति ईरानी इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के तीखे सवालों का बेबाकी से जवाब देती नजर आईं। स्मृति इन दिनों टीवी और अभिनय की दुनिया में अपनी वापसी को लेकर सुर्खियों में हैं और ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ में अपनी वापसी के लिए चर्चा में बनी हुई हैं। इस बीच वह ‘आप की अदालत’ में वह अपनी राजनीतिक यात्रा और जिंदगी से जुड़े तमाम सवालों के बेबाकी से जवाब देती दिखीं।
अभिनय का राजनीति पर असर
यह पूछे जाने पर कि क्या तुलसी के रूप में उनकी छवि ने उन्हें राजनीति में मदद की? जवाब में स्मृति ईरानी ने कहा- ” बिल्कुल भी नहीं, उल्टा इसका नुकसान हुआ, क्योंकि जब मैं राजनीति में आई, तब एक्टर्स की यह छवि थी कि वह संजीदा नहीं होते हैं। वह लेजिस्लेचर करना नहीं जानते। देश में कानून पारित करना नहीं जानते। अगर किसी मंत्रालय में हैं तो गंभीरता से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करते। समय नहीं देते, जनता से नहीं मिलते, गरीबों का काम नहीं करते।”
हेमा मालिनी को आईकॉनिक फिल्म के लिए जाना जाता है- स्मृति ईरानी
रजत शर्माः मैं आपसे इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि सांसद और स्टार प्रचारक के रूप में हेमा मालिनी जब भी जनसभाओं में जाती हैं, तो लोग उनसे शोले का “चल धन्नो” डायलॉग सुनाने के लिए कहते हैं, और फिर वह कहती हैं, “चल धन्नो, आज तेरी बसंती की इज्जत का सवाल है”। क्या लोगों ने आपसे कभी तुलसी के डायलॉग सुनाने के लिए कहा? स्मृति ईरानी ने जवाब में कहा- “टीवी में कभी मेरी इज्जत का सवाल नहीं उठा। लेकिन हेमा जी का पूरा एक्टर के नाते कार्यकाल आईकॉनिक डायलॉग के लिए, आइकॉनिक फिल्म के लिए जाना जाता रहा है। आज भी उनको उसी दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि उनकी एक अमिट छाप है देश के कल्चरल मानचित्र पर, जो मीडिया से उत्पन्न होती है। मेरे सीरियल में ऐसा कोई आइकॉनिक डायलॉग था ही नहीं। हम सामान्य परिवारों की सामान्य महिलाओं का जीवन दिखाने का प्रयास कर रहे थे।
मॉडलिंग से की थी करियर की शुरुआत
बता दें, स्मृति ईरानी ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी, जिसके बाद उन्होंने टीवी इंडस्ट्री का रुख किया। उन्होंने 1998 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, लेकिन फाइनल्स तक नहीं पहुंच सकीं। इसके बाद उन्होंने एकता कपूर के सुपरहिट धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में तुलसी विरानी का किरदार निभाया, जिसने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया। 2025 में, लगभग दो दशक बाद वह एक बार फिर टीवी पर वापसी कर रही हैं और वो भी क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2 से। 2003 में स्मृति ने भारतीय जनता पार्टी जॉइन की और सियासत में कदम रखा। 2011 में वह गुजरात से राज्यसभा सांसद बनीं और 2019 में अमेठी से राहुल गांधी को हराकर लोकसभा चुनाव जीता, जिसने उन्हें ‘जायंट किलर’ की उपाधि दिलाई।
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