
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
नई दिल्लीः पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की सीनियर नेता ने ‘आप की अदालत’ शो में इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का खुलकर जवाब दिया। रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने खुलासा किया कि कैसे वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने 2003 में “क्योंकि सास..” धारावाहिक देखकर उन्हें ‘बुढ़िया’ समझा था। उन्होंने महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं से पूछा कि उन्हें भाजपा युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष क्यों बनाया गया।
नितिन गडकरी ने स्मृति ईरानी को समझ लिया था बुढ़िया
स्मृति ईरानी ने बताया कि मैं 2003 में युवा मोर्चा में उपाध्यक्ष बनी थी। उस समय युवा मोर्चे के दूसरे उपाध्यक्ष थे आज के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस। परभनी से सुजीत सिंह ठाकुर मेरे अध्यक्ष थे और दो महामंत्री थे जो आज महाराष्ट्र में एमएलसी हैं। तो नितिन जी ने सबको बुलाया और कहा तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है? उस बूढ़ी औरत को तुमने युवा मोर्चा में पदाधिकारी बनाया है। तो इन सब को जाकर नितिन जी को बोलना पड़ा कि वह पात्र है तुलसी का जो 60 साल की है। यह स्मृति है जो 25 साल की है। तब नितिन ने कहा कि ठीक है वरना युवा मोर्चा में 60 साल के लोग क्या कर रहे हैं।”
मेरी पार्टी में कन्फ्यूजन नहीं हैः ईरानी
एक सवाल का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि “मेरी पार्टी में कन्फ्यूजन नहीं है। कॉन्फिडेंस है स्मृति ईरानी को लेकर कि जब-जब समाज और राष्ट्र के सामने कोई चुनौती आएगी, जब-जब पार्टी के माध्यम से राष्ट्र की, समाज की सेवा का कोई भी मौका आएगा और जब-जब स्मृति को हम कहेंगे, वह अपनी रिस्पांसिबिलिटी का निर्वहन करेगी।
स्मृति ईरानी ने दिया कई सवालों का जवाब
यह पूछे जाने पर कि क्या तुलसी के रूप में उनकी छवि ने उन्हें राजनीति में मदद की, स्मृति ईरानी ने जवाब दिया: ” बिल्कुल नहीं, नुकसान हुआ, क्योंकि जब मैं राजनीति में आई, तब एक्टर्स की यह छवि थी कि वह संजीदा नहीं हैं। वह लेजिस्लेचर करना नहीं जानते। देश में कानून पारित करना नहीं जानते। अगर किसी मंत्रालय में हैं तो गंभीरता से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करते। समय नहीं देते, जनता से नहीं मिलते, गरीबों का काम नहीं करते।”
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