
जीतन राम मांझी
गया: गया के मानपुर में हम पार्टी का स्थापना दिवस मनाया गया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में बढ़ते हुए अपराध पर कहा कि अगर प्रेमी-प्रेमिका आपस में लड़ाई करके खुदकुशी कर लें तो क्या यह लॉ एंड ऑर्डर का मामला है? उन्होंने चिराग पासवान पर भी टिप्पणी की और कहा कि उनमें जानकारी का अभाव है। जीतन राम मांझी ने कहा कि आज कुछ नहीं है। सिर्फ बातों से बिहार को आंदोलित करना चाहते हैं। हमें 2005 से पहले के समय को भी देखना चाहिए और याद करना चाहिए। आप लोग जरूर जानते होंगे। हम तो 1980 से राजनीति में है और आज तक हमने देखा है। जो काल 2005 के पहले यहां था उसमें हर तरह की दुश्वारियां थीं। हमारे लोग पीटे जाते थे, मारे जाते थे। जमीन पर कब्ज़ा होता था।
विरोधी जनता को गुमराह कर रहे
मांझी ने कहा कि उस समय हम नहीं कोर्ट ने कह दिया था कि जंगल राज है। कोर्ट का यह कहना कोई मामूली बात नहीं है। आज तो कोई कोर्ट नहीं कह रहा है कि आज जंगल राज है। वहीं विरोधी लोग जिनको सत्ता का लालच है, इस तरह की बात करके जनता को गुमराह करते हैं। वे सत्ता पाने के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं। लेकिन यह चलेगा नहीं। बिहार की जनता सजग है लोग समझ रहे हैं और आज जो घटनाएं हो रही हैं, मैं भी मनाता हूं कि 14 करोड़ आबादी है और कहीं न कहीं कुछ घटनाएं हो जाती हैं मगर कोई जातिगत झगड़ा हुआ है क्या? कोई धार्मिक उन्माद का झगड़ा हुआ है क्या.?
लॉ एंड ऑर्डर के मामले पर क्या बोले मांझी?
मांझी ने कहा कि जहां तक लॉ इन ऑडर का यह मामला है तो अब प्रेमी प्रेमिका आपस में लड़ कर सुसाइड ( आत्महत्या ) कर लें या प्रेमी प्रेमिका को कोई बाधा आई तो माता पिता को मार दिया या कोई दूसरा प्रेमी को मार दिया तो क्या यह लॉ इन ऑडर का मामला है? मेरा कहने का मतलब है की आज लॉ इन ऑडर की स्थिति बहुत अच्छी है। यहां पर आज तक कोई साम्प्रदायिक लड़ाई नहीं हुई। हां, कुछ घटनाएं घटी हैं पटना के कारोबारी की जो हत्या हुई और जो पकड़ा गया उसको इनकाउंटर कर दिया गया। उनके राज में कभी कोई एनकाउंटर हुआ था क्या? आज एनकाउंटर हो रहा है। आपने देखा पटना के पारस हॉस्पिटल में जो घटना घटी, बहुत हल्ला हुआ मगर सबको दो दिन में पकड़ लिया गया और कार्रवाई हो रही है। ऐसी घटना होती है तो सरकार काम करती है। एक बात और जिसका हम खुद चश्मदीद गवाह हैं जो उस समय के अपराधी होते थे और जो पीड़ित होता था, उनको एक अणे मार्ग में बुलाकर के फिरौती लिया जाता था। आज किसी भी माई के लाल में हिम्मत नहीं है कि एक अणे मार्ग में जा सके। कहने का मतलब है कि आज शांति है। हमलोग विकास कर रहे हैं। विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है तो यह मुद्दा उठाते हैं। बिहार की जनता सब समझ रही है ।
चिराग पासवान के बारे में क्या बोले मांझी?
वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान के बारे में जीतन राम मांझी ने कहा कि चिराग पासवान जिस समूह को कहते हैं कि उनकी आर्थिक ,सामाजिक , शैक्षणिक स्थिति क्या है? अगर वह नहीं जानते हैं तो मैं आपको बता देता हूं। बिहार की शैक्षणिक स्थिति सामान्यतः 80 प्रतिशत साक्षरता है और अनुसूचित जाति की साक्षरता सीधे 32 से 33 प्रतिशत है। जिस समाज से चिराग पासवान आते हैं उनका साक्षरता सीधे 32 से 33 प्रतिशत है। कुछ लोगों का 40 और 42 भी है। लेकिन जिस जीतन राम मांझी यानी भुइया मुसहर के बारे में उन्होंने कहा तो मुसहर भुइया की शैक्षणिक स्थिति मात्र 7 प्रतिशत है। उनको इसका गिला होना चाहिए। आजादी के 78 वर्ष होने के बाद आज वह डॉक्टर इंजीनियर और एमएलए और मंत्री बन रहे हैं और इस समाज के लोग अभी तक कुछ भी नहीं बने हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि अनुसूचित जाति में वर्गीकरण होना चाहिए। मैं कोर्ट के इस आदेश को मानता हूं और इसको कोई कहता है कि हम समाज को तोड़ते हैं तो हम कहते हैं कि वह लोभी है। लालची है। ऐसे लोग नहीं चाहते हैं कि हमारे समाज के लोग आगे बढे़ं।
रिपोर्ट- अजित, गया