
बिहार एसआईआर पर बोला चुनाव आयोग
बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके लिए तैयारी जोर शोर से चल रही है। चुनाव आयोग भी इसके लिए कमर कसकर तैयार है और विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चला रहा है, जिसे लेकर विवाद जारी है। इसी बीच चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार के कुल 7.24 करोड़ वोटरों (91.69% आबादी) के गणना का फॉर्म प्राप्त हो चुका है और इसमें से 2.83% यानी लगभग 22 लाख वोटर मृत पाए गए हैं। विवाद को लेकर आयोग ने कहा कि बेवजह हंगामा हो रहा है क्योंकि आपत्ति दर्ज कराने में अभी बहुत वक्त बाकी है।
पहले चरण का समापन हो गया-चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में 4.59% यानी 36 लाख ऐसे मतदाता हैं जो या तो स्थायी तौर पर स्थानांतरित हो चुके हैं या फिर फिजिकली नहीं मिल पाए हैं। वहीं, 0.89% यानी 7 लाख लोगों के नाम डुप्लिकेट पाए गए, जो एक से अधिक जगहों पर दर्ज थे। चुनाव आयोग ने रविवार (27 जुलाई 2025) को बताया कि पहले चरण का समापन हो गया है।
हंगामा क्यों मचा रहे हैं
आयोग के मुताबिक 1.2 लाख मतदाताओं के एन्यूमरेशन फॉर्म (गणना प्रपत्र) अब तक प्राप्त नहीं हुए हैं। आयोग ने कहा, “जब किसी भी नाम को गलत तरीके से शामिल या गलत तरीके से बाहर करने के लिए 1 अगस्त से 1 सितंबर तक का पूरा एक महीना उपलब्ध है तो अभी से इतना हंगामा क्यों मचा रहे हैं? उन्होंने (राजनीति दल) अपने 1.6 लाख बीएलए को 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियां प्रस्तुत करने के लिए क्यों नहीं कहा?”
हंगामे को लेकर आयोग ने कहा, “कुछ लोग यह धारणा क्यों बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि ड्राफ्ट सूची ही अंतिम सूची है, जबकि ऐसा नहीं है। जैसा कि एसआईआर के आदेशों में है?” जो लोग अपने पते पर नहीं मिले उसे लेकर चुनाव आयोग ने कहा, “ये लोग या तो दूसरे राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता बन गए हैं या फिर वहां मौजूद थे।”