
उमर अब्दुल्ला
श्रीनगर के दाचीगाम इलाके में माउंट महादेव के पास सशस्त्र बलों को तीन विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ जारी है, जिसे ऑपरेशन महादेव नाम दिया गया है। इस ऑपरेशन पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “…पहलगाम हमले के दिन से ही, चाहे पुलिस हो, अर्धसैनिक बल हो या सेना, वे उनके (आतंकवादियों) पीछे लगे हुए हैं। अगर आज उनमें से एक भी मुठभेड़ में मारा जाता है, तो यह अच्छी बात होगी।”
बातचीत करना भारत की ही जिम्मेदारी नहीं
पाकिस्तान के साथ बातचीत पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हम हमेशा से पाकिस्तान के साथ बातचीत के पक्षधर रहे हैं। मैंने हमेशा कहा है कि बातचीत के लिए माहौल बनाना सिर्फ़ भारत की ज़िम्मेदारी नहीं है; पाकिस्तान को भी अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी और बातचीत का माहौल बनाना होगा। अगर पहलगाम जैसे हमले होते रहे, तो हम जैसे बातचीत के पक्षधर लोग कमज़ोर पड़ जाएंगे…”
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा ठीक है, लेकिन…
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर हो रही चर्चा पर उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा ठीक है, लेकिन उससे पहले पहलगाम पर चर्चा ज़रूरी है। हाल ही में एलजी साहब ने कहा था कि इसमें निश्चित रूप से लापरवाही हुई है। इसमें खुफिया और सुरक्षा विफलता की भूमिका रही है, इसलिए संसद में इस पर भी चर्चा होनी चाहिए कि आखिर अगर कोई खुफिया विफलता, सुरक्षा विफलता थी, तो उसके लिए किसे ज़िम्मेदार ठहराया गया। उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी।”
उमर अब्दुल्ला ने जताई उम्मीद
अलग राज्य के दर्जे पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हमें उम्मीद है कि इस मानसून सत्र में हमें कुछ न कुछ मिलेगा। अगर हमें कुछ नहीं मिलता है, तो हम उसके बाद में बात करेंगे। मैं हड़ताल पर नहीं जाऊंगा, कम से कम अभी के लिए, जब तक संसद सत्र चल रहा है…”
(इनपुट-एएनआई)